गरीबी के चलते मजबूरी में एक मां बनी ऑटो चालक, नन्हे बच्चे को पेट पर बांधकर रिक्शा चलाती हैं तारा

माता-पिता अपने बच्चों के लिए सब कुछ करते हैं। भले ही खुद परेशानी झेल लें परंतु अपने बच्चों को परेशान नहीं होने देते हैं। अगर हम एक मां की बात करें तो मां अपने बच्चों के लिए ना जाने क्या-क्या करती है। किसी भी कीमत पर एक मां अपने बच्चों को परेशानी में नहीं देख सकती। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से छत्तीसगढ़ की एक ऐसी महिला के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो मजबूरी में ऑटो रिक्शा चलाती है। जी हां, यह महिला इन दिनों छत्तीसगढ़ की सड़कों पर रोजाना देखने को मिलती है। इस महिला का नाम तारा प्रजापति है, जिसके जज्बे के आगे बड़े-बड़े सूरमाओं की हिम्मत भी जवाब दे जाए।

रिपोर्ट के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर की सड़कों पर रोजाना तारा प्रजापति अपने पेट पर नन्हे से बच्चे को बांधकर ऑटो रिक्शा चलाती हैं। जो भी तारा को इस तरह से ऑटो रिक्शा चलाते हुए देखता है वह उनके जज्बे को सलाम करता है। तारा को देखकर उनके संघर्ष के आगे सभी नतमस्तक हो जाते हैं। आपको बता दें कि गरीबी के चलते तारा ने ऑटो रिक्शा चलाने का फैसला किया। वह ऑटो रिक्शा चलाकर अपने बच्चे और परिवार का ख्याल रखती हैं।

आपको बता दें कि तारा 12वीं तक पढ़ी लिखी हैं। 10 साल पहले उनकी शादी हो गई थी। जिस परिवार में उनका विवाह हुआ था उनकी माली हालत ठीक नहीं थी। तारा के पति ऑटो चलाने का काम करते थे परंतु पति की कमाई में घर का खर्च चल पाना बेहद मुश्किल हो जाता था। ऐसी स्थिति में परिवार के स्थिति में सुधार करने के लिए तारा ने अपने पति का साथ देने का निर्णय किया और खुद भी ऑटो ड्राइवर बनकर ऑटो रिक्शा चलाकर अपने पति का सहयोग कर रही हैं।

सोशल मीडिया पर तारा की तस्वीरें काफी तेजी से वायरल हो रही हैं। जो भी तस्वीरों को देख रहा है वह उनके संघर्ष को सलाम कर रहा है। तारा का ऐसा कहना है कि वह एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके बच्चे की देखभाल करने वाला कोई भी नहीं है। तारा का ऐसा कहना है कि पेट पालने के लिए उन्हें ऑटो चलाना आवश्यक लगा था और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। बच्चे की पढ़ाई और उसका भविष्य, सब कुछ ठीक करने के लिए उन्होंने ऑटो चलाने का निर्णय लिया।

तारा प्रजापति का ऐसा बताना है कि वह अपने पति के साथ मिलकर परिवार की जिम्मेदारी उठाना चाहती हैं। वैसे तारा के लिए ऑटो चलाना इतना आसान नहीं था। उन्होंने इस बारे में बात करते हुए यह कहा कि भले ही उनके लिए यह काम आसान नहीं है लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने यह काम किया। इस दौरान वह अपने बच्चे का पूरा ख्याल रखती हैं। अपने साथ पानी की बोतल और खाने का सामान भी रखती हैं।

तारा प्रजापति की कहानी के बारे में जानकर ये प्रेरणा मिलती है कि अगर इंसान मेहनत और लगन से कार्य करें तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। सोशल मीडिया पर तारा की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं। एक महिला होते हुए भी तारा ने हार नहीं मानी और यह अपने बच्चे के साथ-साथ अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठा रही हैं।