OMG.. गर्भावस्था में इस एक लापरवाही के कारण आपका बच्चा भी बन सकता है किन्नर, एक बार जरूर पढ़े

इसमें कोई शक नहीं कि जब एक औरत माँ बनती है, तब उसे काफी तकलीफो का सामना करना पड़ता है. हालांकि माँ बनने के बाद जब महिला अपने बच्चे को अपने हाथो में लेती है, तब वह अपनी सारी तकलीफे भूल जाती है. यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो माँ बनने की ख़ुशी में महिला अपनी सभी तकलीफो को एक किनारे पर रख देती है और केवल अपने बच्चे के लिए दुआएं मांगती है. मगर जरा सोचिए कि अगर किसी महिला को अस्वस्थ बच्चा पैदा हो या ऐसा बच्चा पैदा हो जिसे हमारा समाज स्वीकार नहीं करता, तब उस माँ पर क्या बीतती है. जी हां हम यहाँ किन्नर की ही बात कर रहे है.

गौरतलब है कि जब एक महिला किसी किन्नर बच्चे को जन्म देती है, तब उस महिला को न चाहते हुए भी अपने बच्चे को छोड़ना ही पड़ता है, क्यूकि न तो हमारा समाज और न ही परिवार ऐसे बच्चे को अपनाता है. मगर क्या आप जानते है कि आखिर किन्नर बच्चे पैदा क्यों होते है? आखिर इसके पीछे की असली वजह क्या है ? यक़ीनन आप भी जानना चाहते होंगे कि आखिर इसके पीछे का कारण क्या है. तो चलिए आज हम आपको इस जानकारी के बारे में विस्तार से बताते है. अब ये तो सब जानते है कि किन्नरों को समाज में कई नामो से बुलाया जाता है और उन्हें समाज में वो सम्मान भी नहीं दिया जाता, जो बाकी लोगो को मिलता है.

शायद यही वजह है कि जब किसी माँ बाप को किन्नर बच्चा पैदा होता है, तब उसे कुछ महीनो के बाद ही माँ बाप खुद से अलग कर देते है, ताकि उन्हें समाज के सामने शर्मिंदा न होना पड़े. वही अगर हम किन्नरों के पैदा होने की बात करे तो उनके बारे में हमारे बड़े बुजुर्गो या पूर्वजो का मानना है कि उन लोगो ने पिछले जन्म में कुछ ऐसे पाप किए होते है, जिनके कारण वर्तमान में उन्हें किन्नर के रूप में पैदा होना पड़ता है. यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो हमारे पूर्वजो का मानना है कि व्यक्ति अपने पिछले जन्म का दंड भोगने के लिए ही वर्तमान में किन्नर के रूप में पैदा होता है.

हालांकि अगर वैज्ञानिको की माने तो ऐसा कहा जाता है कि जब कोई महिला तीन महीने की गर्भवती हो और इस दौरान उसे कोई बीमारी हो जाएँ तो ऐसे में महिला की गर्भ में पल रहे बच्चे में दो तरह के गुण पनपने लगते है. जी हां इनमे से कुछ गुण महिलाओ में पाएं जाते है और कुछ गुण पुरुषो में पाए जाते है. यानि जब ऐसा बच्चा पैदा होता है, तब उसमे महिलाओ और पुरुषो दोनों के गुण पाएं जाते है और यही बच्चा किन्नर कहलाता है. हालांकि किन्नर पैदा होना कोई गुनाह नहीं है, लेकिन फिर भी लोग किन्नरों को अच्छी नजर से नहीं देखते.

अब हम तो यही कहेंगे कि जब लोगो को दुआओ की जरूरत होती है, तब वो इन्ही किन्नरों के पास जाते है और जब इन्हे सम्मान देने की बारी आती है, तब इन्हे दूर भगा देते है.