ये है सच्चा प्यार! पत्नी की कोरोना से गई जान तो पति ने 2.5 लाख खर्च कर बनवाई मूर्ति, पहनाता है गहने और करता है बात

प्यार एक ऐसा खूबसूरत एहसास है, जो सिर्फ प्यार करने वाला ही समझ सकता है। अक्सर हम सभी लोगों ने देखा या सुना होगा कि लोग अपने प्यार को पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। अगर किसी का जीवनसाथी उससे दूर चला जाता है तो उसकी कमी को पूरा करना नामुमकिन होता है। कहा जाता है कि प्यार कभी मरता नहीं है। चाहे कपल एक दूसरे से दूर भी हो जाएं लेकिन अगर वह एक दूसरे से सच्चा प्यार करते हैं तो फिर यकीनन उनके दिल से एक दूसरे के प्रति प्यार कभी भी खत्म नहीं होता है।

अगर जीवनसाथी चला जाता है तो इससे इंसान को बहुत ज्यादा तकलीफ होती है। इसी बीच एक शख्स की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है, जिसने अपने जीवनसाथी की मृत्यु के पश्चात भी उसे ना सिर्फ अपने दिल में जिंदा रखा है बल्कि उसने उसका पुतला भी बनवा लिया है और उसी के साथ वह अपना जीवन गुजार रहा है। आपको यह सुनकर यकीन करना बहुत मुश्किल हो रहा होगा। आज हम आपको इसके पीछे की पूरी कहानी क्या है इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

कोरोना की वजह से चली गई पत्नी की जान

दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में देखने को मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस शख्स का नाम तपस शांडिल्य है। उन्हें अपनी पत्नी इंद्राणी से इतना प्यार है कि उनके स्वर्ग सिधारने के बाद उन्होंने हुबहू उनके जैसी ही दिखने वाली मूर्ति बनवा ली। तपस की पत्नी इंद्राणी की मृत्यु कोरोना महामारी की वजह से हो गई थी। इसके बाद तपस ने ऐसा कदम उठाया जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है।

आपको बता दें कि वीआईपी रोड स्थित तपस शांडिल्य का घर उनकी पत्नी के बिना सुना नहीं लगता है बल्कि उनकी पत्नी हर समय घर में उनके साथ ही मौजूद रहती हैं। कभी वह अपने पसंदीदा झूले पर बैठी दिखाई देती हैं, तो कभी तपस उनके बाल संवारते नजर आते हैं। यहां तक कि तपस ने अपनी पत्नी की मूर्ति को उनकी पसंद की सिल्क साड़ी भी पहना रखी है और सोने का आभूषण भी उन्हें पहनाया हुआ है। उनको देखकर लगता है कि वह अभी बोल पड़ेंगी। दरअसल, तपस ने पत्नी की मृत्यु के पश्चात अपने गम को भुलाने के लिए उनकी एक सजीव दिखने वाली मूर्ति बनवा ली।

प्रतिमा को बनवाने में हुए ढाई लाख रुपए खर्च

आपको बता दें कि 65 वर्षीय तपस शांडिल्य एक सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी हैं। उनका कहना है कि वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं। अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद अपने गम को भुलाने के लिए तपस ने अपनी पत्नी की सजीव दिखने वाली मूर्ति बनवाई है। इस मूर्ति को बनवाने के लिए उन्होंने ढाई लाख रुपए खर्च किए। यह मूर्ति बिल्कुल इंसान की तरह सजीव दिखती है। इंद्राणी के इस पुतले को देखकर उनके पड़ोसी, इलाके के बाहर से आने वाले लोग आकर्षित होते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी तो उस दौरान तपस शांडिल्य की पत्नी की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद तपस बिल्कुल अकेले पड़ गए थे। अपने इस गम से बाहर निकलने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किया था। इसी बीच उन्होंने अपनी पत्नी की सिलिकॉन स्टैच्यू बनाने का फैसला लिया। इसे मूर्तिकार सुबिमल दास ने बनाया जो मुख्य रूप से संग्रहालयों के लिए सिलिकॉन की मूर्ति बनाते हैं।