अपने इष्‍टदेव को मनाने के लिए करें ये काम, हर मनोकामना हो जाएगी पूरी, खुशियों से भर जाएगा घर

हमारे जीवन में जब भी कोई परेशानी आती हैं तो हम भगवान को याद करते हैं| भगवान को याद करने का मतलब उनकी पुजा-अर्चना इत्यादि करना होता हैं| हमारे जीवन में परेशानियाँ तभी आती हैं जब हमारे कुंडली में कोई दोष हो और इन दोषो को दूर करने के लिए पुजा-अर्चना करानी पड़ती हैं| पुजा करने का मतलब ये नहीं की कैसे भी और कभी भी भगवान की पुजा कर सकते हैं बल्कि पुजा करने के नियम होते हैं और इन नियमों का पालन करना पड़ता हैं|

शास्त्रो में भगवान की पूजा करने की अलग-अलग विधियां या तरीके बताए गए हैं और इन सभी विधियों का अलग-अलग महत्व होता है। धार्मिक जानकारों ने भगवान को प्रसन्न करने के लिए कई रास्ते बताए हैं। आइए जानते हैं इन 5 प्राचीन विधियों के बारे में जिनसे भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं।

1.  पहली विधि

सर्वप्रथम जिस भी देवी-देवता के लिए पूजा करनी या करनी है, उन देवी-देवताओं के मंत्रों का या इष्टदेव के नामों का जाप करना चाहिए। यदि आप रोज अपने इष्टदेव की पूजा-मंत्रों का जाप करते हैं तो आपको पैसों से जुड़ी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी। आप इन मंत्रो जैसे- ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ रुद्राय नम:, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ रामदूताय नम:, इत्यादि का जाप कर सकते हैं। यदि चाहें तो आप सिर्फ देवी-देवताओं के नामों का ही जाप कर सकते हैं। जैसे- जय श्रीराम, श्रीकृष्णा, सीताराम, जय राधाकृष्णा इत्यादि|

2.  दूसरी विधि

देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए होम या यज्ञ करना या करना चाहिए। प्राचीन समय से ही भगवान को प्रसन्न करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय होता था यज्ञ करना। प्राचीन समय में ही नहीं वर्तमान में भी यज्ञ से देवी-देवताआ बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं|

3. तीसरी विधि

देवी-देवताओं को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका होता हैं उनके नाम पर दान करना। शास्त्रों के मुताबिक दान करने से भी हमारी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। यदि आपके कुंडली में कोई ग्रह-दोष है तो उसके निमित्त दान करने पर शुभ फल प्राप्त होता हैं। शास्त्रो में उल्लिखित हैं की दान करना सबसे पुण्य का काम होता हैं|

4.  चौथी विधि

आपने अक्सर सुना होगा की प्राचीन समय में ऋषि-मुनि लोग देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कई सालो तक तप करते थे| तपस्या पुराने समय में भगवान को मनाने की सर्वाधित प्रचलित विधि थी। तपस्या करने से भगवान बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। तप करके ही कई असुरों ने भगवान को प्रसन्न किया था और मनचाहा वरदान प्राप्त किया था। मान्यता हैं की तपस्या से भगवान अपने भक्त ई सारी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं|

5.  पांचवी विधि

इस विधि में आप देवी-देवताओं की मूर्ति या चित्र पर सोलह उपचारों से पूजा करे। आज के समय में इस विधि का उपयोग अधिक किया जाता है।

यदि कोई भी मनुष्य इन पांचों विधियों में से कोई एक भी विधि का नियमित रूप से पालन कर भगवान की आराधना करता है तो उसके जीवन की सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी और इसके साथ ही आपके जीवन में बहुत सारी खुशियाँ दस्तक देंगी| जहां तक हो सके नियमित रूप से भगवान की आराधना जरूर करे|