राजेंद्र कुमार के बेटे के साथ ‘फूलों के शहर’ में घर बसाने के सपने देखा करती थीं विजेयता पंडित, लेकिन घर का समान बेचकर करना पड़ा था गुजारा

हिंदी सिनेमा में अपनी पहली ही फिल्म से बॉक्स ऑफिस पर धमाका करने वाली एक्ट्रेस विजेयता पंडित का करियर बहुत मुश्किलों भरा रहा। बताया जाता है कि विजेयता पंडित को अपने हिस्से से कहीं ज्यादा असफलताओं का सामना करना पड़ा है। इतना ही नहीं उनका तेजी से बढ़ता करियर धराशायी हो गया जिसके बाद वो बेहद बुरे दौर से गुज़र रहीं हैं। खबरों की मानें तो विजेयता की माली हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई थी कि उन्हें अपने घर का सामान बेच-बेच कर गुज़रा करना पड़ा था।

‘लव स्टोरी’ से बॉलीवुड में डेब्यू –

आपको बता दें कि विजेयता ने फिल्म ‘लव स्टोरी’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था जिसमें उनके साथ जुबली स्टार राजेंद्र कुमार के बेटे कुमार गौरव भी दिखाई दिए थे। अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म के साथ ही कुमार गौरव और विजेयता की लव स्टोरी भी रफ़्तार पकड़ चुकी थी। बताया जाता है कि फिल्म लव स्टोरी की शूटिंग के दौरान विजेता और कुमार गौरव एक दूसरे से प्यार करने लगे थे और शादी करना चाहते थे। लेकिन राजेंद्र कुमार को अपने बेटे का विजेयता के साथ रिश्ता पसंद नहीं था। जिसके बाद दोनों ने अपने-अपने रास्ते अलग कर लिए।

कुमार गौरव के साथ घर बसाने का सपना-

वहीं विजेयता पंडिस से ब्रेकअप के कुछ समय बाद 1984 में कुमार गौरव की शादी सुनील दत्त की बेटी नम्रता से हो गई। वहीं दूसरी ओऱ ब्रेकअप के गम में चार सालों तक विजेयता पंडित फिल्मों से दूर रहीं थीं। लेकिन जब विजेयता ने इंडस्ट्री में कमबैक का सोचा तब तक बहोत देर हो चुकी थी। बता दें कि विजेता पंडित ने अपने करियर में 15 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। विजेयता ने 1985 में बनी फिल्म ‘मोहब्बत’ और ‘मिसाल’ से बॉलीवुड में कमबैक किया लेकिन वो मुकाम हासिल नही कर पाई जो वो चाहती थीं।

एक्ट्रेस ने की थी दो शादियां-

आपको बता दें कि विजेयता पंडित ने दो शादियां की थी। एक्ट्रेस ने पहली शादी साल 1986 में डायरेक्टर समीर माकलन से की थी। हालांकि शादी के दो सालों बाद समीर और विजेयता पंडित का तलाक हो गया था। जिसके बाद साल 1990 में विजेयता ने म्यूजिक डायरेक्टर आदेश श्रीवास्तव से दूसरी शादी की थी। लेकिन विजेयता के दूसरे पति श्रीवास्तव कैंसर से लड़ते हुए साल 2015 में दुनिया को अलविदा कह गए। पति की मौत के बाद से ही विजेयता की माली हालत भी बिगड़ती चली गई। उनके ऊपर दोनों बच्चों को पालने की जिम्मेदारी थी। तभी से विजेता आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं।