सात फेरे होते ही दूल्हे संग परीक्षा देने पहुंची नई नवेली दुल्हन, बोली- मुझे खुशी है कि मुझे इतना अच्छा ससुराल मिला

शादियों का सीजन चल रहा है। शादियों के इस माहौल में रौनक देखने लायक होती है। दूल्हा और दुल्हन अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। लेकिन शादी वाले दिन दुल्हन को किसी एग्जाम सेंटर में देखने की उम्मीद कभी कि नहीं जा सकती। लेकिन इसी बीच मध्यप्रदेश के सतना जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसमें एक दुल्हन शादी के जोड़े में परीक्षा देने पहुंच गई। यह देखने के बाद कॉलेज प्रशासन भी सोच विचार में पड़ गया। सात फेरों के बाद सबसे पहले दुल्हन ने पेपर हल किया और फिर विदाई की रस्में पूरी हुई। अब इसकी खूब तारीफ हो रही है।

मिली जानकारी के अनुसार, पतेरी में सोमवार रात बिलौन्धा के हीरेन्द्र सोनी और नमिता सोनी की शादी हुई थी। इसके अगले दिन मंगलवार को लड़की की बीएड की परीक्षा थी। दुल्हन विदा होने से पहले शहर के भरहुत नगर स्थित रामाकृष्णा कॉलेज जाकर दुल्हन ने परीक्षा दी। इसके बाद विदाई की रस्में पूरी हुई। इस दौरान नमिता का साथ उसके जीवन साथी हीरेन्द्र ने दिया। दुल्हन जब तक परीक्षा दे रही थी, तब तक दूल्हा परीक्षा केंद्र के बाहर सजी-धजी कार में अपनी दुल्हनिया का इंतजार करता रहा था।

सात फेरों के बाद सीधे परीक्षा देने पहुंची दुल्हन

आपको बता दें कि नमिता अवधिया पतेरी क्षेत्र की रहने वाली है। नमिता की शादी नागौद क्षेत्र के ग्राम बिलौन्धा में हीरेन्द्र अवधिया के साथ हुई है। 5 जून, सोमवार को बरात पहुंची थी। रात में शादी की सभी रस्में संपन्न हुई और 6 जून को नमिता को ससुराल जाना था। लेकिन विदाई के दिन ही नमिता की बीएड फाइनल ईयर की परीक्षा थी। विदाई से पहले दुल्हन के जोड़े में नमिता पहले परीक्षा देने सेंटर पहुंची। नमिता अपने ससुराल और परिवारवालों की सहमति से परीक्षा सेंटर के लिए दूल्हे के साथ कार में विदाई के जोड़े में ही पहुंची। नमिता ने घुंघट के साथ ही परीक्षा दी और फिर घर पहुंची।

जब नमिता परीक्षा देने के बाद घर पहुंची, तो उसके बाद विदाई की बाकी रस्मों को पूरा किया गया। नमिता ने इसे लेकर यह कहा कि बीएड का फाइनल ईयर की परीक्षा थी। मेरे परिवार वालों ने बहुत सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि जल्दीबाजी में शादी की, विदाई अभी बाकी है। यहां से जाकर विदाई होगी। पढ़ाई को महत्व जरूर देना चाहिए क्योंकि शिक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। नमिता ने कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि दोनों परिवार के लोगों ने मुझे सहयोग दिया।

अंतिम पेपर की तारीख में हुआ बदलाव

आपको बता दें कि हीरेन्द्र भारतीय सेना में हैं और अखनूर में पोस्टेड हैं। नमिता बीएड की पढ़ाई कर रही थी। लिहाजा शादी की तारीख तय करते वक्त यह ध्यान खास तौर पर दिया गया कि परीक्षा की डेट कहीं अड़चन न बनने पाए। नमिता का आखिरी पेपर 29 मई को था लिहाजा शादी की तारीख 5 जून को तय की गई। शादी की सारी तैयारियां हो जाने के बाद ऐन वक्त पर 29 तारीख को होने वाला आखिरी पेपर टल गया और इत्तेफाक से इसकी तारीख 6 जून हो गई। नमिता ने इस बात की जानकारी हीरेन्द्र को दी। वहीं हीरेन्द्र ने भी नमिता को यह भरोसा दिलाया कि शादी की रस्में भी पूरे शुभ मुहूर्त में होंगी और वह समय पर परीक्षा हॉल भी पहुंचेगी।

हीरेंद्र ने भी अपना वादा निभाया और वह अपनी दुल्हन को लेकर परीक्षा सेंटर पहुंच गया। नमिता ने अपने जीवनसाथी और ससुराल पक्ष के सहयोग पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्होंने पढ़ाई को प्राथमिकता दी और उसके महत्व को समझते हुए सारा इंतजाम किया। मुझे खुशी है कि मुझे इतना अच्छा ससुराल मिला।