अगर आपको भी अपने घर के आस-पास दिख जाए ये पौधा तो छोड़ना मत, अमृत के सामान है इसकी पत्तियों के गुण

दोस्तों हम सब अपने आस पास बहुत सरे पेड़ पौधे देखते है कुछ पौधे देखने में बहुत आकर्षित और सुंदर होते है और व्ही कुछ पौधे देखने में अच्छे नही होते लेकिन हमारे लिए अमृत समान होते है आज हम आपको जिस भाग्यशाली पौधे के बारे में बताने जा रहे है वो हो नागफनी का पौधा| ये कई वैरायटी के होते है अगर आपको कहीं भी नागफनी मिल जाए तो अपने पास संभाल कर रख लें। क्योंकि यह कोई वरदान से कम नहीं है।

आपको बता दे की इसको आयुर वेड में भी इस्तेमाल किया जाता है नागफनी से अनेकों रोगों का उपचार किया जा सकता है। इस औषधिय जड़ी बूटी में कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, आयरन और कई तरह के विटामिन तत्व पाए जाते हैं। यह तत्व शरीर से अनेकों रोगों को जड़ से खत्म कर देते हैं नागफनी को संस्कृत भाषा में वज्रकंटका कहा जाता है  इसका कारण शायद यह है कि इसके कांटे बहुत मजबूत होते हैं  पहले समय में इसी का काँटा तोडकर कर्णछेदन कर दिया जाता था लेकिन अब ज़माना बदल गया है लोग सोनार के यहाँ जाकर कान चिद्वाते है आपो पता नही होका की ये एक एंटी सेप्टिक की तरह काम करता है इसके होने के कारण न तो कान पकता था और न ही उसमें पस पड़ती थी| नागफनी फल का हिस्सा टैनिन, और पेक्टिन से भरा हुआ होता है|

नागफनी के जबरदस्त फायदे :-

1.आजकल के लोग ज़्यादातर मोटापे या ज्यादा परेशांन है वजन के कारण बहुत सी परेशानी होती है उनके लिए नागफनी अमृत के समान है। क्योंकि नागफनी में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर की चर्बी को पिघलाने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा भूख को बढ़ाने वाले हार्मोन को फाइबर तत्व रिलीज होने से रोक देता है। जिस वजह से आपको कम भूख लगने लगेगी। इसी वजह से नागफनी को मोटापा कम करने वाली औषधि कहा जाता है|

.2.ये दर्द में भी सहायक होता है नागफनी के मोटे कांटेदार पत्तों से कांटे अलग कर लें। कांटों को खड्डे मिट्टी में गाढा दें, क्योंकि कांटे तेज नुकीले होते हैं। नांगफली से कांटें निकालने के बाद हल्की आंच में उबाल लें। पानी पूरी तरह से सूख जाने के बाद ठंड़ा हल्का होने दें। फिर उसमें जैतून तेल, कच्ची हल्दी, लहसुन कलियां मिलाकर फिर हल्की आंच में पकायें। ठंड़ हल्का गुनगुना होने पर गठिया दर्द सूजन वाली जगह पर पेस्ट कर मालिश करें। सूजन वाले अंगों पर पट्टी के साथ मल कर बांध दें। यह नागफनी औषधी तेजी से गठिया दर्द ठीक करने में सहायक है। इस तरह से नागफनी गठिया सूजन दर्द से तुरन्त आराम निजात दिलाने में सक्षम है।

3.नागफनी रेशेदार पौधों की सूची में आता है। रेशेदार पौधा होने के कारण नागफनी में फाइबर आहार काफी मात्रा में पाया जाता है। यह तत्व पाचन तंत्र को कमजोर बनाने वाले घटकों को जड़ से नष्ट कर देता है। जिस कारण हमारी पाचन क्रिया मजबूत बनी रहती है।

4.आपको बता दे की नागफनी के पौधे में फाइटोकैमिकल और एंटीआक्सिडेंट जैसे चमत्कारी गुण पाए जाते। यह गुण उन हार्मोन को नष्ट कर देते हैं जो हमारी उम्र बढ़ाते हैं। इसलिए नागफनी का सेवन करने से त्वचा कोमल और युवा होने लगती है। और हम जवान दीखते है|

5.ये दिल की नमरी में भी सहायक होता है इसके पंचाग के टुकड़े सुखाकर , मिटटी की हंडिया में बंद करके फूंकें  जलने के बाद हंडिया में राख रह जाएगी । इसे नागफनी का क्षार कहा जाता है । इसकी 1-2 ग्राम राख शहद के साथ चाटने से या गर्म पानी के साथ लेने से हृदय रोग व सांस फूलने की बीमारी ठीक होती है| घबराहट दूर होती है। इससे मूत्र रोगों में भी लाभ मिलता है|