चर्चा में आया “डॉक्टर चाय वाला”, देता है गरीबों को मुफ्त दवाइयां और गर्भवती महिलाओं को फ्री में दूध

दुनिया में ऐसे बहुत से लोग रहते हैं, जिनकी भले ही आर्थिक स्थिति कमजोर हो परंतु इसके बावजूद भी वह अक्सर ही जरूरतमंदों की मदद करते हुए नजर आते हैं। इसी बीच “डॉक्टर चाय वाला” इन दिनों काफी चर्चा में बना हुआ है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के बस्तर के रहने वाले एक युवक ने सरकारी अस्पताल के बाहर एक चाय की दुकान खोली है। इस दुकान का नाम उसने “डॉक्टर चाय वाला” रखा है। इस युवक का नाम अशोक जायसवाल है, जो चाय बनाकर बेचते हैं।

“डॉक्टर चाय वाला” की एक सबसे खास बात यह है कि यह चाय बेचने के साथ-साथ जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, उनकी मदद भी करते हैं। जी हां, अशोक जायसवाल आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मुफ्त दवा दिलाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस दुकान पर गर्भवती महिलाओं को मुफ्त में दूध और गर्म पानी भी मिलता है।

अस्पताल के सामने चलाते हैं चाय की गुमटी

किसी की भी मदद करने के लिए ज्यादा पैसे ही सब कुछ नहीं होता। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद अगर आपकी नियत है, तो आप लोगों की मदद कर सकते हैं। कुछ ऐसा ही संदेश देने का काम अशोक जायसवाल कर रहे हैं। अशोक ने यह बताया कि वह शहर के महारानी अस्पताल के सामने 2015 से अपनी चाय की गुमटी चला रहे हैं। “डॉक्टर चाय वाला” के नाम से शहर भर में पहचाने जाने वाले 30 वर्षीय अशोक जायसवाल उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के रहने वाले हैं।

अशोक साल 2014 में रोजगार की तलाश में जगदपुर आए थे और उन्होंने अस्पताल के सामने एक चाय की दुकान शुरू की। धीरे-धीरे उनका कारोबार बढ़ा। आज स्थिति यह है कि अशोक चाय बेचकर महीने के 30 से 40 हजार रुपए कमाते हैं। अशोक अपनी कमाई से कुछ पैसे बचाकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सहायता भी कर रहे हैं।

1500 रुपए की दवा फ्री दिलाते हैं अशोक

आपको बता दें कि अशोक ने अपनी दुकान पर एक बोर्ड भी लगाया हुआ है, जिस पर उन्होंने यह लिखवाया हुआ है कि किसी भी प्रकार के जरूरतमंद मरीजों के लिए वह 1500 रुपए की दवा अपने खर्चे से दिलाएंगे। इसके अलावा बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं और बच्चों के लिए दूध के पैसे नहीं लेंगे। अशोक के चाय के ठेले पर लोग शहर के कोने-कोने से चाय पीने के लिए आते हैं। स्थानीय लोगों का ऐसा बताना है कि अशोक की चाय पीने की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सहायता करता है।

अशोक महारानी अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क बनाकर रखते हैं, वह उनसे नि:शुल्क दवाई वितरित करने के लिए पहले ही बता देते हैं। इसके बाद डॉक्टर की सिफारिश पर अशोक गरीब और असहाय मरीजों को अपनी तरफ से निशुल्क दवाई मुहैया करवा देते हैं। अशोक का ऐसा बताना है कि जब वह छोटे थे, तब उनकी नानी उन्हें डॉक्टर कहकर पुकारा करती थी। वह डॉक्टर तो नहीं बन पाए, लेकिन अपनी चाय की गुमटी का नाम “डॉक्टर चाय वाला” रखा। अशोक द्वारा सार्वजानिक प्याऊ भी चलाया जाता है। अशोक के इस प्रयास की हर तरफ खूब तारीफ हो रही है।