बेटी को विदाई में भूलकर कर भी ना दें ये चीज,वरना हो जाएंगे हमेशा के लिए कंगाल

जैसा के हम सभी जानते है की अपनी बेटी की शादी करना हर मां बांप का सपना होता है | और साथ ही इसे  पूरा करने के लिए वो सालों से तैयारिया करते हैं । जैसे जैसे बेटी बड़ी होती जाती है उसके माता-पिता के मन में उसकी शादी को लेकर हजारों ख्वाब जन्म लेने लगता है | जैसे की कैसे उसके लिए अच्छा रिश्ता ढ़ूढ़ा जाए और किस तरह धूम-धाम से शादी कर उसकी उसकी विदाई की जाए ।

शादी के आयोजन और विद्यी से लेकर उसे दिए जान वाले उपहार और समानो तक को लेकर मां-बाप कई तरह की योजना बनाते है | सभी लोग अपनी सामर्थ्य अनुसार अपनी बेटी को कुछ ना कुछ तो उपहार अवश्य देते हैं । बेटी को विदा करते समय रूपए जेवर से लेकर  घर-गृहस्थी के सामान तक लोग उसे उपहार में देते हैं | लेकिन आपको शयद ही पता होगा की कुछ ऐसी भी चीज़े है जिन्हें भूलकर भी बेटी की विदाई में नही देनी चाहिए। आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।

हमारे द्वारा बेटी को शादी में उपहार देना एक प्यार और स्नेह व्यक्त करने का तरीका है। आधुनिक युग के आने से शादी के आयोजन से लेकर उपहारो के चलन में पहले के जमाने से काफी परिर्वतन आ गया है परन्तु फिर भी आज हर मां-बाप की ‘भावनाएं’ पहले जैसी ही हैं। हर मां-बाप अपनी क्षमतानुसार अपनी बेटी को उसके नए विवाहित जीवन की शुरूआत के लिए आव्शयक चीजें अवश्य देते हैं। लेकिन आप इस दान को दहेज़ का नाम न देकर इसे अपनी बेटी की ओर स्नेह और प्रेम का नाम दे|

अगर उपहारों की बात करें तब तो आप प्यार से अपनी बेटी को कुछ भी दे सकते हैं क्योंकि उपहारों में कोई रोक-टोक तो होती नही | लेकिन अगर हिन्दूधर्म की मान्याताओं की माने तो कुछ चीजें ऐसी भी होती है जिन्हें शादी या विदाई के वक्त नही देना चाहिए। ज्योतिष विज्ञानं की मानें तो आपको बेटी को शादी या विदाई के उपहारस्वरूप में  भगवान की मूर्ति कभी नहीं देनी चाहिए –और यह हैं गणेश भगवान की मूर्ति ।हमने अक्सर देखा है की कई लोग इसे शुभ मानकर बेटी को उपहारस्वरूप गणेश जी की मूर्ति भेंट कर देते हैं जबकि ऐसा करना ज्योतिष द्वारा सही नही बताया गया है |

आप सोच रहे होंगे की सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार, जब भी कोई नया कार्य या पूजा पाठ का आयोजन होता है तब तो हम इसकी शुरुवात भगवन गणेश की स्तुतुई से ही करते है | और साथ ही भगवान गणेश को शुभकर्ता माना गया है । और इन्ही बातों को आधार मानकर कई लोग बेटी के भावी जीवन को सफल बनाने के लिए उसे शुभता के प्रतीकस्वरूप मन्ग्ल्मूर्ती भगवान गणेश की मूर्ति देते हैं | अगर आप भी अपनी बेटी की विदाई में उसे गणेश भगवान की मूर्ति भेंट करने की सोच रहे हैं तो हमारी मानिए यह विचार तुरंत बदल दीजिए क्योंकि इसकी वजह ये है कि एक करफ जहां शास्त्रों में बेटियों को लक्ष्मी के रूप में माना जाता है  वहीं, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी का एकसाथ होना धन और सौभाग्य का संकेत होता है । ऐसे में अगर कोई घर से जाती हुई लक्ष्मी यानी बेटी को विदाई के वक्त गणेश भगवान की मूर्ति भेंट करता है तो मायके में धन की हानि होती है.. क्योंकि घर से जाते हुए बेटी घर की सुख-समृद्धि और सौभाग्य भी साथ ही ले जाती है। ऐसे में बेटी की विदाई में उसे गणेश जी की मूर्ति नही देनी चाहिए।