जोक्स : पिता- तुम्हारे रिजल्ट का क्या हुआ..?? पुत्र- हेडमास्टर का बेटे फेल हो गया…। पिता- और तुम..??

कहते है लाफ्टर इस द बेस्ट मेडिसिन और हँसना मुस्कुराना और जीवन में खुश रहना हमारे  सेहत के लिए सबसे उत्तम माना जाता है और वही  अपने आप को खुश रखने के लिए जोक्स  किसी मेडिसिन से कम नहीं होते है और आज हम  आपके लिए एक बार फिर से कुछ मजेदार जोक्स लेकर आये है जिन्हें पढने के बाद आप भी हनते हँसते हो जायेंगे लोटपोट तो फिर देर किस बात  की आइये शुरू करते है हंसने हंसाने का ये सिलसिला

एक राजा ने अपने कर्मचारी को एक मरियल-सा घोडा इनाम में दिया।
कर्मचारी खुशी-खुशी वो घोडा अपने घर ले गया।
लेकिन उसी रात वह घोडा मर गया।
अगले दिन राजा ने जब घोडे के बारे में पूछा तो कर्मचारी ने बताया –
मेरे आका, ऐसा तेज रफ्तार घोडा मैंने कोई दूसरा अपने जीवन में नहीं देखा,
वो एक ही रात में इस दुनिया से उस दुनिया में पहुंच गया

जेलर (कैदी से)- क्या बात है, सुखीराम तुम्हे कभी कोई भी जेल में मिलने नही आता है?
कैदी – क्या करूं साहब वो सभी
जेलर – सुखीराम तुम्हारा कोई सगा-संबंधी नहीं है इस दुनिया में?
कैदी – सब है, भाई-बाप, और यार-दोस्त।
जेलर – पर तुमसे मिलने क्यों नहीं आते?
कैदी – साहब वो सब भी इसी जेल में सजा काट रहे हैं।

 

पुत्र – मां मै भी तालाब में तैरना चाहता हुं ?
मां – नहीं ! बेटा डूब जाओगे।
पुत्र – लेकिन पिताजी तो घंटे-भर से तालाब मे तैर रहें है।
मां – बेटा तुम्हारे पापा का बीमा हो चुका है।

 

अध्यापक ने एक बच्चे से पूछा –
हजार के बाद लाख, फिर करोड,
फिर अरब आता है, अरब के बाद क्या आता है?
छात्र ने कहा – सर! अरब के बाद ईरान आता है।

 

एल के जी के बच्चे को इम्तहान में जीरो मिला।
पिता – ( गुस्से से ) यह क्या है ?
बच्चा – पापा, मैम के पास स्टार खत्म हो गए तो उन्होंने मुझे मून दे दिया।

 

मरीज (डॉक्टर से) – मैं रोज 50 रुपये की दवाई ले रहा हूँ,
पर कोई फायदा नहीं हो रहा.. !
डॉक्टर – अब तुम मुझसे 40 रुपये वाली दवाई ले जाओ.
इससे तुम्हे रोज 10 रुपये का फायदा होगा !!!

एक कंजूस सेठ जब मरने को हुआ तो एक रिश्तेदार ने कहा-
अब तो आप मर ही रहे हैं, जाते-जाते समाज के लिए कुछ दे जाइए।
सेठ – अब जान तो दे रहा हूं ,
इससे ज्यादा क्या चाहिए समाज को।

 

पहला कैदी – शक्लें भी खूब धोखा देती हैं।
एक बार एक साहब मुझे दिलीप कुमार समझ बैठे।
दूसरा कैदी – ठीक कह रहे हो, मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ।
मुझे देखकर एक साहब जवाहरलाल नेहरू का धोखा खा गए।
तीसरा कैदी – अजी, यह तो कुछ भी नहीं।
मैं जब चौथी बार जेल पहुंचा तो जेलर बोला – हे भगवान ! तू फिर आ गया।

 

किसी आदमी ने अपने एक मित्र को दावत दी, सारा खाना वही खा गया।
घर वाले भूखे रह गए।
पांच साल का बबलू तो भूख के मारे रो पड़ा।
उसकी मां ने कहा- बेटा मेहमान को जाने दो, सारे मिलकर रोएंगे, तुम अकेले क्यों रोते हो?

एक दुखी पति अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करके लौट रहा था,
अचानक बिजली चमकने लगी, बादल गरजने लगे
और जोर जोर से बारिश होने लगें
पति बोला- लगता है ऊपर पहुंच गई।