मगरमच्छ के जबड़े में था पति का पैर, जान की परवाह किए बिना नदी में कूद गई पत्नी और बचा ली पति की जान

दुनिया के सबसे डरावने और खतरनाक जानवरों में से एक मगरमच्छ है। मगरमच्छ ज्यादातर बड़ी नदियों में रहता है। कभी-कभी मगरमच्छ पानी की सतह पर भी आराम से तैरते रहते हैं। मगरमच्छ मांसाहारी होते हैं। बता दें कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में बहने वाली चंबल नदी में बहुत से मगरमच्छ पाए जाते हैं। मगरमच्छ इतना खतरनाक होता है कि अगर एक बार कोई भी जीव यहां तक कि इंसान इसके जबड़े में फंस जाए तो उसका बच पाना लगभग नामुमकिन होता है।

चंबल नदी में मिलने वाले मगरमच्छ बहुत ही खतरनाक होते हैं और अक्सर इंसानों पर हमला कर देते हैं। इसी बीच राजस्थान के करौली जिले से एक मामला सामने आया है, जहां पर एक शख्स पर भी मगरमच्छ ने हमला कर दिया था लेकिन इस शख्स की पत्नी ने अपनी जान की परवाह किए बिना ही नदी में कूद गई और मगरमच्छ से लड़कर अपने पति की जान बचा ली।

मगरमच्छ ने किया शख्स पर हमला, पैर जबड़े में पकड़ा

दरअसल, हम आपको जिस घटना के बारे में बता रहे हैं यह मंगलवार दोपहर को करौली जिले में मंडरायल के समीप बहने वाली चंबल नदी के कैम कच्छ गांव के घाट पर हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कैम कच्छ गांव के रहने वाला बन्ने सिंह (26) पुत्र केदार मीना चंबल नदी किनारे बकरियां चरा रहा था। बकरियां पानी पी रही थी, तो वह भी चंबल नदी में नहाने चला गया। चंबल नदी में घुटने-घुटने पानी में जैसे ही वह नहाने लगा। पीछे से उस पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया।

मगरमच्छ ने उसके पैर जबड़े में दबा लिए और पानी के अंदर ले जाने के लिए खींचने लगा। उसके मगरमच्छ से बचने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी और मगरमच्छ की कमर को पकड़ लिया। मगरमच्छ उसे गहरे पानी में ले जाने लगा। जब पति की चीखें दूर खड़ी पत्नी विमल ने सुनी तो वह लाठी लेकर पानी में कूद पड़ी।

पति की जान बचाने के लिए मगरमच्छ से लड़ गई पत्नी

पति की हालत देख विमल की रूह कांप गई लेकिन वह हिम्मत दिखाते हुए हाथ में डंडा लेकर नदी में कूद गई और मगरमच्छ के मुंह और पैरों पर पूरी ताक़त से डंडा मारने लगी। करीब 5 मिनट तक वह लगातार मगरमच्छ पर लाठी बरसाती रही। इधर, पति दर्द के मारे चीख रहा था। पति की जान बचाने के लिए विमल ने पूरी ताकत मगरमच्छ को डंडे से वार करने में लगा दी लेकिन मगरमच्छ ने केदार का पैर नहीं छोड़ा।

इसके बाद विमल ने पूरी ताकत लगाकर मगरमच्छ की आंख में लाठी से हमला किया और तब जाकर उसने पैर छोड़ा। इसके बाद विमल घायल पति को कंधे पर लेकर 300 मीटर दूर घर पहुंची और परिजनों की मदद से पति को मंडरायल अस्पताल पहुंचाया, जहां गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने उसे करौली रेफर कर दिया जहां बन्ने सिंह का इलाज कर उसे छुट्टी दे दी गई है। इस घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है।

ग्रामीणों के अनुसार चंबल के मगरमच्छ के हमले में कोई जिंदा नहीं बचता और यह पहला वाकया है जब कोई जिंदा बच गया है। बन्ने सिंह की पत्नी विमल ने जो हिम्मत दिखाई है अब पूरे गांव में उसकी जमकर तारीफ हो रही है।