लीला मिश्रा ने कभी नहीं किया ऑन स्क्रीन रोमांस, पराए मर्द को न छूने की वजह से जीवनभर मिले मां, मौसी और नानी के रोल

हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक कलाकार मौजूद हैं, जिन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय के दम पर लोगों के दिलों में अपने लिए एक खास जगह बनाई है परंतु वही कुछ ऐसे भी कलाकार रहे हैं जिन्होंने छोटे-छोटे किरदार ही निभाए परंतु उन्होंने अपने इन्हीं किरदारों से हमेशा के लिए अपनी पहचान बना ली। आप सभी लोगों ने साल 1975 में आई फिल्म “शोले” (Sholay Movie) तो देखी ही होगी। इस फिल्म के गाने, डायलॉग, कहानी और हर एक किरदार दर्शकों के दिलों में अपनी ऐसी छाप छोड़ी है जो सदियों तक चाह कर भी लोग नहीं भूल सकेंगे।

फिल्म शोले के सभी कलाकारों ने अपने अपने किरदार को बहुत ही खूबसूरती से निभाया था। सभी किरदारों में से एक किरदार था बसंती की “मौसी’ का। इस फिल्म में बसंती की मौसी का रोल निभाने वाली अभिनेत्री का नाम लीला मिश्रा (Leela Mishra) था। साल 1908 में उत्तर प्रदेश के रायबरेली के एक गांव में जन्मी लीला मिश्रा फिल्म शोले में मौसी के रूप में घर-घर मशहूर हुईं परंतु आज लीला मिश्रा हमारे बीच में नहीं हैं। 80 साल की उम्र में 17 जनवरी 1988 में उनका निधन हुआ था।

शोले की मौसी यानी लीला मिश्रा ने बॉलीवुड की फिल्मों में जान फूंकने का काम किया था। लीला मिश्रा की शादी बहुत ही जल्द हो गई थी। महज 12 साल की जब उनकी उम्र हुई तो उनकी शादी राम प्रसाद मिश्रा से करा दी गई। वह साइलेंट फिल्मों में करैक्टर आर्टिस्ट थे। रामप्रसाद जब मुंबई आए तो लीला को भी साथ लेकर आ गए थे। लीला मिश्रा ने अपने करियर की शुरुआत 40 के दशक में की थी। उन्हें पहली फिल्म के लिए सिर्फ ₹500 ही मिले थे। उन्होंने अपने करियर में 200 से अधिक फिल्मों में काम किया था।

लीला मिश्रा फिल्मों में अक्सर सिर्फ मां, मौसी, नानी और चाची वाले किरदारों में ही नजर आती थीं। ऐसी स्थिति में लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा था कि लीला मिश्रा ऐसे किरदारों में ही क्यों नजर आती हैं। वैसे भी इस सवाल का जहन में उठना भी लाज़मी है क्योंकि इतनी सुंदर एक्ट्रेस ने अपनी जवानी के दिनों में भी रोमांटिक सींस नहीं किए थे और ना ही किसी फिल्म में बतौर अभिनेत्री नजर आई थीं।

ऐसा बताया जाता है कि उन्हें शुरुआती दिनों में कुछ फिल्में ऑफर हुई थीं, जिसमें उनका किरदार लीड रोल में था। परंतु जब वह उसकी शूटिंग करने लगीं, तब उन्हें बाहरी आदमियों का स्पर्श बिल्कुल भी पसंद नहीं आया। इसके बाद उन्होंने कभी जिंदगी में लीड रोल करने की नहीं सोची। यही वजह थी कि वह हमेशा ही मां, मौसी, नानी और चाची वाले किरदारों में ही नजर आती थीं।

आपको बता दें कि लीला मिश्रा को आज भी चश्मे बद्दूर, प्रेम रोग, शोले, आवारा, प्यासा, नदिया के पार, परिचय, सौदागर, मां का आंचल, जय संतोषी मां, बैराग जैसी फिल्मों के लिए भी जाना जाता है। 18 साल की उम्र में ही वह ऑनस्क्रीन मां का किरदार निभाने लगी थीं परंतु पर्दे पर हमेशा मां और मौसी का किरदार निभाने वाली लीला मिश्रा असल जिंदगी में 17 साल की उम्र में ही मां बन गई थीं।