कभी भारत में छापा गया था ‘जीरो’ रूपये का नोट, जानिए क्यों और क्या है इसकी पूरी कहानी

मॉडर्न समय में इंसान की जरूरतें काफी बढ़ चुकी हैं ऐसे में उन जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा बेहद आवश्यक हो गया है. वहीं भारत में आपने ₹1 से लेकर ₹2000 तक के नोट देखे होंगे लेकिन क्या आपने कभी जीरो रुपये नोट के बारे में सुना है? हैरान मत होइए! आपको बता दें कि हमारे देश में ज़ीरो रुपये का नोट भी छपता आया है. यह नोट लगभग भारत में पिछले 1 दशक से अधिक समय से चलते आ रहा है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ₹0 का नोट कहां चलाया जा सकता है और इससे क्या खरीदा जा सकता है तो चलिए आपके इन सभी सवालों और इससे जुड़ी दुविधा को दूर कर देते हैं.

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भारत में आरबीआई ही भारतीय मुद्रा के नोट छापता है. वही बात अगर ₹0 के नोट की करें तो यह नोट आरबीआई द्वारा मुद्रित नहीं किया गया था. जी हां, हमारे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कभी भी ₹0 का नोट नहीं छापा है. अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि अगर आरबीआई ने इस नोट को नहीं छापा है तो फिर आखिर यह नोट किसने छपाया और किस वजह से छपाया होगा? इतना ही नहीं बल्कि इस नोट का वह क्या करते होंगे? दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ₹0 का नोट छापने के पीछे एक खास वजह रही थी यह वजह असल में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक तरह से उठाई गई आवाज या फिर कह लीजिए की एक मुहिम थी जिसके चलते इस नोट को छापा गया था.

बताया जाता है कि पहली बार ₹0 का नोट छापने की सलाह दक्षिण भारत के एक NGO ने दी थी. पहली बार यह नोट साल 2007 में 5th पिलर नाम के एनजीओ ने शुरू किया था जो कि असल में भारत के तमिलनाडु में मौजूद एनजीओ है. यहां पर हर साल लाखों ₹0 के नोट छापे जाते थे. मजेदार बात यह भी है कि इन नोटों को हिंदी से लेकर तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम जैसी तमाम भाषाओं में छापा गया था. असल में यह नोट भ्रष्टाचार के खिलाफ और सहयोग का एक अहिंसक प्रयास था या फिर यूं कह लीजिए एक तरह का यह हथियार था जिससे किसी को जानी तौर पर नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता था बल्कि उसे करप्शन और उसकी भूल का एहसास इस नोट को देखकर दिलाया जाता था.

क्या था इस नोट के पीछे का मकसद?

ऐसे तो भारत में करप्शन एक कानूनन अपराध है और इस अपराध को करने वाले को जेल की सजा का भी प्रावधान है लेकिन अब भी बहुत सारे भ्रष्ट लोग हैं जो कि चोरी छुपे घूस देते आ रहे हैं. ऐसे में यदि इन अधिकारियों को घूस के बदले ₹0 का नोट थमा दिया जाए तो यह लोग काफी डर जाते हैं. असल में दक्षिण भारत के इस एनजीओ का मकसद यह है कि वह ₹0 का नोट उन घूस मांगने वालों को दे और साथ ही उन्हें एहसास दिलाएं कि हम भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ हैं. एनजीओ ने नागरिकों को तब काफी प्रोत्साहित भी किया था कि यदि कोई व्यक्ति उनसे रिश्वत मांगता है तो वह ₹0 के नोट का भुगतान करके अपना सहयोग दें.

कैसा दिखता है यह नोट?

जानकारी के लिए बता दें कि बाकी अन्य भारतीय मुद्राओं की तरह ₹0 के नोट पर भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का ही चित्र छपा हुआ है और साथ ही इस नोट पर लिखा गया है कि भ्रष्टाचार खत्म करो. इसके अलावा लिखा गया है कि यदि कोई आप से रिश्वत मांगता है तो इस नोट को देखकर हमें मामले की खबर दें और फिर कभी भी रिश्वत ना लेने या देने की कसम खाएं. इसके अलावा इस नोट के नीचे दाएं तरफ एक संस्था का फोन नंबर और ईमेल आईडी भी छुपाया गया है.