पान वाले की बेटी बनीं SDM, 6वीं कोशिश में सफलता हासिल कर परिवार के सपने को किया साकार

इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता। अगर दिल में कुछ कर गुजरने का सपना हो तो कोई भी बाधा आपकी सफलता में आड़े नहीं आ सकती। इंसान अपनी मेहनत के दम पर ही सफलता हासिल कर सकता है। आपको अपने जीवन में तब तक नहीं रुकना चाहिए, जब तक आप अपने लक्ष्य को प्राप्त ना कर लें। इसी बीच आज हम आपको पान वाले की बेटी ज्योति चौरसिया के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर यूपीपीसीएस पीसीएस 2022 में 21वीं रैंक हासिल की है।

ज्योति चौरसिया को यूपी के गोंडा में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) नियुक्त किया गया है। ज्योति चौरसिया ने एसडीएम पद पर चयनित होकर परिवार के सपने को साकार कर दिखाया। उनकी सफलता से पूरा परिवार उत्साहित है। जब ज्योति गोंडा आईं, तो बेटी का स्वागत ढोल-नगाड़े से हुआ। घर ही नहीं बल्कि पड़ोसियों सभी ने भी माला-आरती से ज्योति का स्वागत किया। बता दें कि ज्योति को यह सफलता 6वीं कोशिश में मिली है। ज्योति प्रेस्टीजियस जॉब हासिल करके आर्थिक रूप से कमजोर समाज की सेवा करना चाहती थीं।

6वीं कोशिश में हासिल की कामयाबी

आपको बता दें कि ज्योति ने गोंडा में ग्रेजुएशन किया और लखनऊ में यूपीपीसीएस की तैयारी शुरू की। ज्योति 2015 से यूपीपीसीएस का टेस्ट दे रही थीं परंतु प्री भी नहीं निकाल पाती थीं। लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और परिजनों ने भी उनका हौसला बढ़ाया। मूल रूप से देवरिया जिले की रहने वाली ज्योति के पिता हेम चंद चौरसिया 1997 में गोंडा में आकर बस गए। उन्होंने अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए पान की दुकान खोली थी। पान की दुकान से ही उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया और इस काबिल बनाया। ज्योति के पिता की पान भंडार की दुकान शहर के गुरु नानक चौराहे पर है।

ज्योति के पिता ने बताया कि वह गोंडा जॉब के सिलसिले में अकेले आए थे लेकिन जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो फरवरी 1997 में लकड़ी की ढाबली में पान की दुकान खोली। बाद में बच्चों को गोंडा ले आए और गोंडा के ही होकर रह गए। उनका एक बेटा और दो बेटियां हैं। सभी की शिक्षा गोंडा में हुई है। बड़ा बेटा संदीप भी पढ़ने में तेज था। उसने कई कंपटीशन दिए लेकिन असफलता का सामना करना पड़ा ,क्योंकि घर की माली हालत ठीक नहीं थी। इसलिए वह अपने पापा के साथ पान की दुकान पर बैठने लगे।

ज्योति का कहना है कि बड़े भाई ने अपने सपने को मेरी सफलता से साकार किया। उसके असली मोटिवेटर उसके माता-पिता और भाई हैं। ज्योति के पिता ने यह बताया कि आज मन बहुत प्रसन्न है। बेटी ने वह कर दिखाया, जिसकी उम्मीद बेटे से की थी लेकिन आर्थिक संकट के चलते वह ना कर सका। उनका कहना है कि बेटी या बेटा जो भी हो, प्रतिभावान हो। परिजनों को उसको आगे बढ़ाने में मदद करनी चाहिए।

बेटी की सफलता से हेम चंद काफी खुश हैं। उनका कहना है कि अगर किसी में प्रतिभा हो तो उसे एक दिन सफलता जरूर मिलती है। एक पान बेचने वाले की बेटी की इस बेहतरीन सफलता पर गोंडावासी बेहद खुश हैं। गोंडा नगर का जानकी नगर मोहल्ला ढोल नगाड़ों के बीच तब झूम उठा। परिजनों और मोहल्ले वालों ने ज्योति की आरती उतारी और माला पहनाई। ज्योति के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।