कभी ट्रेन में पेपर बिछाकर सोए तो कभी की खुद-कुशी करने की कोशिश, ऐसी है रैना के संघर्ष की कहानी

सुरेश रैना क्रिकेट जगत के एक मशहूर और जाना-माना चेहरा हैं। यह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। क्रिकेट के मैदान में जब भी सुरेश रैना का बल्ला गरजता है तो गेंदबाज उनसे खौफ खाते हैं। भले ही आज सुरेश रैना आसमान छू रहे हों, लेकिन उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए अपने जीवन में बहुत सी कठिन परिस्थितियों का सामना किया है।

जी हां, सुरेश रैना कभी परिवार से दूर हॉस्टल में रहते थे। इतना ही नहीं बल्कि वह उस दौरान इतने अधिक परेशान हो गए थे कि उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म करने का भी प्रयास किया था। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से सुरेश रैना के संघर्ष की कहानी बताने जा रहे हैं।

आपको बता दें कि सुरेश रैना मेरठ के रहने वाले हैं और वह अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अपने घर से दूर हॉस्टल में जाकर रहते थे। लेकिन यहां पर रहना उनके लिए इतना आसान नहीं था। उनको कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

एक इंटरव्यू के दौरान खुद सुरेश रैना ने यह बताया था कि वह एक बार ट्रेन में मैच खेलने जा रहे थे और टिकट नहीं था जिसकी वजह से ट्रेन में नीचे पेपर बिछाकर वह सो गए। इस दौरान उन्हीं के साथ जा रहे किसी साथी ने बदमाशी में उन पर पेशाब कर दिया। इस दौरान सुरेश रैना की उम्र महज 13 वर्ष की थी।

आपको बता दें कि सुरेश रैना खेल में बहुत अच्छे थे, जिसके चलते उनके सीनियर का व्यवहार उनके साथ बिल्कुल भी ठीक नहीं था। वहीं सुरेश रैना के कोच उन्हें बहुत पसंद किया करते थे क्योंकि वह एक अच्छे खिलाड़ी थे। सुरेश रैना को तो कई बार आधी नींद से ही उठा दिया जाता था और उन पर ठंडा पानी डाल दिया जाता था। इतना ही नहीं बल्कि उनके खाने में भी घास डाल दी जाती थी ताकि वह खेल में अच्छा प्रदर्शन ना दिखा सकें।

अगर आप किसी भी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए मानसिक संतुलन का होना बहुत ही आवश्यक है। लेकिन एक समय ऐसा था जब सुरेश रैना को खराब मानसिक स्थिति से गुजरना पड़ा था। एक बार तो रैना को हॉकी स्टिक से पीटा भी गया था, जिसके बाद रैना ने एक साल बाद ही हॉस्टल छोड़ दिया। लेकिन फिर सुरेश रैना के भाई दिनेश में दोबारा से उन्हें हॉस्टल पहुंचा दिया।

सुरेश रैना को इस दौरान बेहद खराब मानसिक दौर से गुजरना पड़ा और उनके मन में तो आत्महत्या करने का भी विचार आने लगा परंतु सुरेश रैना उस समय अपने परिवार की मजदूरी भली-भांति समझते थे इसी वजह से उन्होंने यह कदम नहीं उठाया। उस समय के दौरान सुरेश रैना के पास सिर्फ ₹200 होते थे और वह अक्सर समोसे और बिस्कुट खा कर अपना गुजारा कर लिया करते थे।

सुरेश रैना को कुछ दिनों के पश्चात एयर इंडिया के लिए खेलने का अवसर प्राप्त हुआ। 1999 में सुरेश रैना को एयर इंडिया की तरफ से ₹10000 की स्कॉलरशिप मिली, जिसमें से वह 8000 घर देते और खुद 2000 में काम चलाया करते थे। साल 2003 में रैना इंग्लैंड क्लब क्रिकेट खेलने गए वहां उन्हें 1 सप्ताह क्रिकेट खेलने के 250 पाउंड मिले।

बाद में रैना ने साल 2005 में पहली बार भारत की टीम के लिए वनडे मैच खेला। जब रैना ने आईपीएल खेला तो उनकी जिंदगी में दूसरा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मौजूदा समय में रैना एक अच्छे बल्लेबाज के तौर पर जाने जाते हैं।

अगर हम सुरेश रैना की निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो साल 2015 में उन्होंने प्रियंका चौधरी से विवाह किया था। शादी के बाद सुरेश रैना 14 मई 2016 को एक बेटी के पिता बने, जिसका नाम ग्रेसिया है। बता दें कि सुरेश रैना की पत्नी प्रियंका एम्सटर्डम के बैंक में आईटी प्रोफेशनल हैं। शादी के बाद भी प्रियंका अपना काम करती हैं और रैना अपने खेल पर ध्यान देते हैं।