महज़ 311 रुपये जेब मे देख कर कभी आया था आइडिया, अब 650 करोड़ के बन चुके हैं ये वारिस

जीवन में सफलता हासिल करना इतना आसान नहीं है सफलता को हासिल करने के लिए बहुत सारी मेहनत करनी पड़ती है. कड़ी मेहनत करने के बाद ही आपको सफलता रूपी फल मिलता है. यदि सफलता के बारे में विस्तार से बताया जाए तो इसमें आपकी 90 परसेंट मेहनत और 10 परसेंट किस्मत लगी होती है सफलता हासिल करना इतना आसान नहीं उसमें अपना खून पसीना बहाना पड़ता है. आज हम आपको अपनी इस पोस्ट के जरिए मुंबई के रहने वाले उशिक महेश गाला कि कुछ ऐसे ही कहानी सुनाने जा रहे है. जिन्होंने अपने जीवन में आने वाली सभी मुसीबतों का सामना करते हुए परिवार के डूबे पड़े व्यवसाय को रॉकेट की तरह आसमान में उड़ा दिया. व्यवसायिक परिवार से संबंध रखने वाले उशिक महेश गाला ने बचपन से ही सीखा था की व्यवसाय कैसे चलाते हैं. हालांकि उशिक व्यवसाय में अपनी रणनीति मॉडल पर किस्मत आजमाने का मौका मिला जब उनके पिता ने उन्हें इसके लिए उपयुक्त समझा.

जब उशिक अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर रहे थे तब उन्होंने अपने पिता से अपने कपड़े के कारोबार के बारे में सीखा था. हालांकि उनके कपड़ों के कारोबार को 2006 से 2008 तक मंदी का सामना करना पड़ा. जो उनके परिवार को लिए काफी ज्यादा मुसीबतों से भरा समय था. यह इतना कठिन समय था कि इसमें उनके कारोबार को जीरो पर लाकर खड़ा कर दिया. जिसके चलते कारोबार को बंद करना पड़ा. परिवार में कोई भी इस मॉडल को व्यवसाय में अपनाने के लिए तैयार नहीं था.

जानकारी के लिए बता दें 2010 में जब उशिक ने अपने परिवार के कारोबार में कदम रखा तब उनकी जेब में महज ₹311 थे. लेकिन फिर भी वह अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर रहे थे. उस समय उन्होंने फैसला लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए अब वह अपने परिवार के व्यवसाय को डूबने नहीं देंगे. लेकिन व्यवसाय के लिए योजना बनाना एक अलग बात थी और योजना को सफल बनाना एक अलग. हालांकि उस टाइम बाजार भी इस दौर से गुजर रहा था कि किसी भी तरह का निवेश करना मतलब आजीविका को खतरे में डालना था.

इतनी मुश्किल परिस्थिति होने के बाद भी उशिक की दृष्टि व्यवसाय को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाने की थी. उनकी इसी दृष्टि ने उनके व्यवसाय को संचालन करने के तरीके को बदल दिया. इसलिए सन 2012 में मंदी खत्म होने के बाद उन्होंने दुल्हन की पोशाक के साथ फिर एक बार अपने व्यवसाय को बाजार में उतारने का फैसला लिया. क्योंकि बाजार में हर कोई उस समय इस मॉडल पर काम कर रहा था तो उनको सफलता हासिल करने में थोड़ी कठिनाई महसूस हो रही थी. इसके बाद उन्होंने पूरे व्यवसाय का मॉडल बदलने की ठान ली.

साल 2014 में उन्होंने ‘सुमाया लाइफ़स्टाइल’ नाम का एक उद्योग शुरू करने का फैसला लिया. उन्होंने इस बारे में कहा कि उन्हें लगता था कि आने वाले समय में संस्कृत पोशाक का व्यवसाय अच्छा नहीं था. क्योंकि बाजार नए क्षितिज पर उभर रहा था सुमाया लाइफस्टाइल का अस्तित्व 2011 में ही रख दिया गया था लेकिन इसकी शुरुआत दो लाख की पूंजी के साथ 2014 में की गई. 2012 से 2014 तक उशिक नई दुल्हन की पोशाक का कारोबार किया. लेकिन 2014 में उन्होंने अपना यह कारोबार बदलकर महिला की नए दौर के कपड़ों पर स्विच कर दिया. और उनका यह आइडिया उनको सफलता हासिल कर आ गया और उन्होंने तीन चार साल के अंदर ही अपने इस नए व्यवसाय से खूब मुनाफा कमाया. अपने इसी व्यवसाय से आज उशिक करोड़ों रुपए कमा रहे हैं. इतना ही नहीं इनके द्वारा बनाए गए कपड़ों का निर्यात विदेशों में भी किया जाता है. आज उशिक 650 करोड की संपत्ति के मालिक हैं.