बिहार के सूर्यांश कुमार मां के सपनों को कर रहे पूरा, 13 की उम्र में खड़े कर दिए 56 डिजिटल प्लेटफॉर्म, 18 घंटे करते हैं काम

बच्चों के माता-पिता को अक्सर यही चिंता सताती है कि उनके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता। इसके लिए वह आखिरकार करें क्या? बच्चों को खेलने और घूमने में ज्यादा मजा आता है। जब उनसे पढ़ाई के लिए बोला जाए, तो वह बहाने बनाने लगते हैं। माता-पिता की यह चिंता जायज है, क्योंकि उनको अपने बच्चों के भविष्य की चिंता रहती है। वैसे देखा जाए तो हर इंसान अपनी उम्र के हिसाब से काम करता है।

एक उम्र पढ़ाई लिखाई की होती है। फिर बच्चे पढ़ लिखकर बड़े होकर काम करते हैं और फिर घर परिवार की जिम्मेदारियां संभालते हैं। अपने बूढ़े माता-पिता की सेवा करते हैं। लगभग हर किसी के साथ ऐसा ही चलता रहता है।

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें लीक से हटकर काम करने की आदत होती है। जी हां, पढ़ने-लिखने की उम्र में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के अम्मा गांव के रहने वाले 13 वर्षीय सूर्यांश कुमार ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है। एक साल के अंदर वह 56 डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के मालिक बन चुके हैं।

13 साल की उम्र में खड़े कर दिए 56 डिजिटल प्लेटफॉर्म्स

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं 13 साल की उम्र काम करने की नहीं होती है। इस उम्र में अन्य बच्चे पढ़ाई लिखाई और खेलकूद पर ध्यान देते हैं। वहीं बिहार के 13 वर्षीय सूर्यांश कुमार ने एक साल के अंदर 56 डिजिटल प्लेटफॉर्म्स खड़े कर दिए। सूर्यांश ने अपना पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म नौवीं कक्षा में पढ़ाई करते हुए शुरू किया था। अभी सूर्यांश दसवीं कक्षा में पढ़ाई करते हैं।

ऑनलाइन सामान सर्च करते हुए आया आईडिया

मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो जब सूर्यांश कुमार ऑनलाइन चीजों को सर्च कर रहे थे, तो ऑनलाइन कंपनी खोलने का आइडिया आया। इसके बाद उन्होंने अपने पिता संतोष कुमार के साथ अपने इस आइडिया को शेयर किया। पिता ने प्रोत्साहित करते हुए पूरे आईडिया को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के रूप में दिखाने के लिए कहा। सूर्यांश ने बताया कि पहली कंपनी उन्होंने ई-कॉमर्स की शुरू की। इस कंपनी को खोलने का उद्देश्य किसी भी सामान को 30 मिनट के अंदर लोगों के घर तक पहुंचाना है। जल्दी यह कंपनी लोगों के घर सामान पहुंचाने लगेगी। सूर्यांश की एक और डिजिटल प्लेटफॉर्म “शादी कीजिये डॉट कॉम” लोगों को जीवनसाथी चुनने में मदद कर रही है। इसके बाद क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी मंत्रा फ्राई डिजिटल प्लेटफॉर्म भी आने वाली है।

18 घंटे काम करते हैं सूर्यांश

आपको बता दें कि सूर्यांश अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को बड़ा बनाने के लिए रोजाना 18 घंटे कार्य करते हैं। इसी बीच वह अपनी पढ़ाई भी करते हैं। दोनों चीजें वह साथ-साथ कर रहे हैं। हालांकि, वह स्कूल नहीं जा पाते हैं लेकिन स्कूल की तरफ से उनको पूरा सहयोग मिल रहा है। वह अपने जीवन में इसी काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं। सूर्यांश के मुताबिक, उन्हें फिलहाल इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से कोई भी आय नहीं हो रही है। लेकिन जल्द ही उन्हें अच्छी आय भी होनी शुरू हो जाएगी।

माता-पिता चलाते हैं एनजीओ

आपको बता दें कि सूर्यांश के माता-पिता एनजीओ चलाते हैं। पिता का एनजीओ संयुक्त राष्ट्र से जुड़ा हुआ है। पिता संतोष कुमार और मां अर्चना के द्वारा ऐसा बताया गया कि खेलने कूदने की उम्र में उनका बच्चा कंपनी चला रहा है, जो दूसरे लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत है।

सूर्यांश का ऐसा बताना है कि उसके इस काम में उसके परिवार का पूरा सहयोग मिल रहा है। पिता लगातार उसका मनोबल बढ़ा रहे हैं। सूर्यांश ने एक किताब “द स्मैश गाये” की रचना कर दी थी और अब अलग किताब लिख रहे हैं, जो फाइनेंस से संबंधित है।

मां का सपना पूरा कर रहे हैं सूर्यांश

आपको बता दें कि सूर्यांश के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स में प्रमुख है मंत्राफाई, जैस बिजनेस, जीप्सी कैब्स, जैसिफाई, जैस हेल्थ, जैस जोल्लिज, मंत्रा-कॉइन, जैस ब्रांड्स, जैस टेक, जैस स्नेप, चुलबुली आदि। यह सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स सूर्यांश कॉन्टेक प्राइवेट लिमिटेड के तहत संचालित होंगी। आपको बता दें कि सूर्यांश कॉन्टेक प्राइवेट लिमिटेड की कागजी नींव उनकी मां अर्चना ने वर्ष 2014 में रखी थी। उन्होंने सूर्यांश कॉन्टेक प्राइवेट लिमिटेड का सिर्फ कागजी कार्य पूरा किया था। इसके बाद 2021 में सूर्यांश ने इस कंपनी का सीईओ का पद संभाला और कंपनियां ऊंचाइयां छूने लगी।