ये 3 चीजे जिनका इस्तेमाल हम रोजाना कर रहे है, हमे कैंसर के करीब ले जा रही है,आज ही छोड़ दे इनका इस्तेमाल

जैसा की हम सभी जानते है इन दिनों  हमारे बॉलीवुड के कई सेलिब्रिटीज कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे है जिसमे पहले इरफ़ान खान का नाम शामिल था और अब एक और नया नाम सोनाली बिंद्रे का भी जुड़ गया है |सोनाली बेंद्रे ने खूद अपनी इस बीमारी की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट से लोगो को दी जिसके बाद बॉलीवुड समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी है |इस समय सोनाली अपने इलाज के लिए न्यूयॉर्क में है और हर कोई उनके जल्दी ठीक होने की दुआ कर रहा है |

हमारे आजकल के  बदलते लाइफस्टाइल  ,खान पान और मानव मानव निर्मित चीजों  का इस्तेमाल कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी को काफी हद तक बढ़ावा दे रही है |आज के समय में हम अपने रोजमर्रा की जिंदगी में  अपने जीवन को सरल बनाने के लिए ऐसी तमाम चीजों का इस्तेमाल करते हैं जो बहुत ही खतरनाक केमिकल से तैयार किये जाते है जिनके बारे में हमे पता नहीं होता लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की इन्ही कुछ केमिकल से बनायीं गयी व चीजे जिनका हम रोज इस्तेमाल कर रहे है वही हमे  कैंसर , ह्रदय रोग,आदि गम्भीर बीमारी  की ओर ले जा रही है |तो आइये जानते है इस गम्भीर बीमारी के बारे में और वो तीन चीजो के बारे में जो हम रोजाना इस्तेमाल कर रहे है और वो हमे इस जानलेवा बीमारी के करीब लकार जा रही है |

कैंसर क्या है

कैंसर जानलेवा बीमारी है। कैंसर के मरीज जल्‍दी ठीक नही होते हैं क्‍योंकि इसके लक्षणों का पता देर से चलता है।जैसा की हम सभी जानते है की हमारा शरीर कोशिकाओं से बना होता है जैसे-जैसे शरीर को इनकी जरूरत होती है वैसे वैसे ये कोशिकाएं नियंत्रित रूप से विभाजित और बढ़ती रहती हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि शरीर को इन कोशिकाओं की कोई जरूरत नहीं होती है, फिर भी इनका बढ़ना जारी रहता है। कोशिकाओं का यह असामान्य विकास कैंसर कहलाता है

आइये अब हम आपको बताते है उन 3 चीज के बारे में जो आपको कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी के करीब लेकर जा रही है ,जो हमारे घरों में पायी जाती है और जिनका इस्तेमाल हम रोजाना कर रहे  है और कभी कभी तो हद से ज्यादा भी कर लेते है ,आखिर ये चीजें कौन सी हैं आइये जानते हैं –

Styrofoam से बने प्रोडेक्ट्स( थर्मोकोल से बने कप ग्लास,प्लेट)

आक कल से समय में  Styrofoam से बने प्रोडेक्ट्स इतने आम हो चुके हैं कि लोग हर तरह की खाने- पाने की चीज के लिए इसी का इस्तेमाल कर रहे हैं।आज इन कपों का इस्तेमाल हर चाय वाला कर रहा है हर होटल में किया जा रहा है यहाँ तक की हम अपने घरों में भी इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर ही लेते है |प्लास्टिक से बने ये कप देखने में जितने खुबसूरत लगते है ये आपके स्वास्थ के लिए उतना ही ज्यादा खतरनाक है |ये Styrofoam से बने प प्रोडक्ट जिस विधि से तैयार किये जाते है वो पूरा केमिकल प्रोसेस होता है और इसमें बहुत ही खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है जो आपके लिए किसी जहर से कम नहीं है|

आपको बता दे इसमें पोलीस्टीन होता है  जो एक पोलिमर है। ये खतरनाक केमिकल जब गर्म चीज जैसे गर्म पानी और चाय या कॅाफी से मिलता है तो एक  रिएक्शन  करता है जिसके कारण हमारे शरीर पर बहुत बुरे प्रभाव पड़ते हैं और इसके ज्यादा इस्तेमाल से हमारे शरीर में कैंसर होने की सम्भवना भी काफी हद तक बढ़ जाती है |

2- अगरबत्ती का धुआं

हमारे हिन्दू धर्म में पूजा पाठ का अपना एक विशेष ही महत्व है और इन पूजा पाठ में सबसे ज्यादा जिस चीज का इस्तेमाल किया जाता है वो है अगरबत्ती और अगरबत्ती से निकलने वाले धुएं कैंसर जैसी बीमारी के लिए जिम्मेदार माने गये है |वैज्ञनिकों द्वारा किया गये एक शोध के दौरान रिपोर्ट में  ये बात सामने आई है कि अगरबत्ती के धुएं में तीन तरह से विशेष तत्व होते हैं जो कि कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं. यह विषैले तत्व म्यूटाजेनिक, जीनोटॉक्सिक और साइटोटॉक्सिक के नाम से जाने जाते हैं। जेनेटिक म्यूटेशन यानी आनुवंशिक उत्परिवर्तन से व्यक्ति के DNA में परिवर्तन हो सकता है जो कि एक अच्छा संकेत नहीं है।

3 – मच्छर मारने वाली दवाई ( Mosquito Repellent)

आज कल मच्छरों से हर कोई परेशान है जिसके कारण  हमे मच्छरों से निजात दिलाने के लिए बाजार में कई तरह के प्रोडक्ट्स मौजूद है जिनमे  जिनमे कॉइल्स और दवाइयां शामिल है |आपको बता दे जितना ज्यादा ये कॉइल्स मच्छरों पर वार करती है उतना ही आपके स्वास्थ पर भी बुरा असर डालती है |मच्छर मारने के लिए जिन कॉइल्स का हम इस्तेमाल करते है इन्हें बनाने के लिए काफी सारे जहरीले  कैमिकल मिलाये जाते हैं, इसके धुएं में सुंगध भी होती है जो कि कैमिक्ल्स के द्वारा ही डाली जाती है जिसके वजह से हमे सिरदर्द और ऐलर्जी जैसा लक्षण नजर आते है और यही नहीं इसके ज्यादा इस्तेमाल से आपको कैंसर भी हो सकता है।

इस तरह से आज हम जितना प्रकृति से दूर होते जा रहे है और इनमानवनिर्मित केमिकल सी बनीं चीजों की तरफ अग्रसर हो रहे हैं तभी से हमारे शरीर पर कई जानलेवा रोगों ने कब्जा कर लिया है इसीलिए आज के दौर में स्वस्थ रहने का केवल एक ही सिद्धांत है और  ये है  की प्रकृति के जुड़कर जीना सीखे और स्वस्थ रहे ।