प्रेमिका की ख्वाहिश पूरी करने के लिए इस शख्स ने खरीदी चाँद पर जमीन, इस तरह किया प्यार का इज़हार

यह कहावत तो हम सभी ने कभी न कभी सुन रखी है के एक सफल परुष के पीछे स्त्री का हाथ होता है| आज हम आपको एक ऐसी ही घटना से रूबरू कराने का रहे हैं जिसमे एक कारोबारी नीरज ने अपनी प्रेमिका के चलते बहुत बड़ा कदम उठा लिया| और कहीं न कहीं अगर देखा जाये तो यह कदम इस कारोबारी की तरक्की का सबूत भी बना| इस घटना से हमे सीख मिलती है के कैसे अगर हम किसी को पूरी शिद्दत से चाहे तो हम किसी भी हद तक जा सकते हैं|.

बता दे के यह पूरी घटना बिहार के बोधगया की है| यहाँ के एक कारोबारी नीरज कुमार गिरि के साथ ऐसा ही वाक्या होता सामने आया है| नीरज ने अपनी प्रेमिका से प्रेरणा पाकर एक चाहत पाली जो थी चांद पर तकरीबन एक एकड़ का प्लाट खरीदने की| और फिल पूरी जी जान से इस पर अम्ल करने के लिए नीरज ने दिन रात एक कर के लगभग डेढ़ वर्ष के बाद अखिर सफलता पा ही ली| ऐसा करके वो चाँद पर जमीन लेने वाले देश के चौथे व्यक्ति भी बन गये|

इनसे पहले फिल्मी दुनियां के अभिनेता शाहरूख खान, दिवंगत सुशांत सिंह राजपुत हैं और एक कारोबारी ने चाँद पर जमीन लेने का नाम कमाया है| लेकिन संभवत: यह पूरे बिहार का नाम करने वाले ऐसे पहले व्यक्ति हैं| ऐसा इसलिए क्योंकि सुशांत सिंह ने जमीन नाम करवाते वक्त अपना मुंबई का पता पहले दिया था|

लूना सोसाइटी इंटरनेशनल में कराया पंजीयन

खबरों की माने तो नीरज ने अपने जन्मदिन 29 अक्टूबर,2019 के शुभ दिन लूना सोसाइटी इंटरनेशनल के माध्यम से चाँद पर जमीन लेने का ऑनलाइन पंजीयन कराया था| इसके बाद उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेजों को ऑनलाइन ही फिल किया और भेजा था| और फिर जो भी राशी लगनी थी उसका भुगतान भी ऑनलाइन सोसाइटी अकाउंट में जमा करी|

नीरज की मानें तो उनके अनुसार प्लाट की कीमत से ज्यादा जरूरी उनके लिए दस्तावेजों को जमा करने की प्रक्रिया रही| सभी काम होने के बाद अब 22 जून 2020 को जाकर, उन्हें ई-मेल द्वारा उन्हें ये जानकारी दी गयी| एक एकड़ प्लाट आपके लिए चाँद पर बुक कर दिया गया है ऐसा उन्हें मेल में लिखा मिला| इसके बाद उन्हें PDF द्वारा ऑनलाइन जमीन की डीड भी सेंड कर दी गयी और साथ ही इन्हें लूनर रिपब्लिक का सिटीजनशिप भी मिल गया|

कौन हैं नीरज

बोधगया प्रखंड के बतसपुर गांव के अभी नीरज का नीजी निवास है| इनके पिता कानाम कृष्णनंदन गिरि जेपी जो के सेनानी हैं| बात करें बचपन की तो वह इनका बोधगया में ही बीता| पर इन्होने अपना अधिक समय अपनी पढ़ाई के चलते रांची में ही बिताया| बचपन से ही इनमे कुछ अलग दिखने-करने की लव थी| और आज अपनी शौक को इन्होने हकीकत में बदल लिया है| आज नीरज बीएमडब्ल्यू से चलते हैं|

नीरज के घर में मां-पिता के साथ ही तीन भाई और एक बहन भी है| जिनमे नीरज सबसे छोटे हैं| बोधगया में ही इनके पिताजी और भाई गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र चलाते हैं| बहन होमिओ चिकित्सक दूसरा भाई अभी पढ़ाई कर रहा है| और नीरज की बात करें तो ये आज अपनी कंपनी बिंदा राहिणी न्यू वल्र्ड कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. के प्रबंध और निदेशक है|