मां दुर्गा का ये अनोखा भक्त कठिन तरीका अपनाकर मां दुर्गा की करता है उपासना, एक ही आसन पर बैठ शरीर पर उगाए जवारे

हिंदू धर्म में नवरात्रि बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण त्यौहार है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो चुकी है, जो 30 मार्च तक रहेगी। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई भक्त विधि-विधान पूर्वक माता रानी की उपासना करता है तो उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और माता रानी की कृपा दृष्टि बनी रहती है। नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना भक्त अपने-अपने तरीकों से कर रहे हैं। किसी ने झुलसा देने वाली गर्मी में चप्पल त्याग दी तो किसी ने शरीर पर जवारे लगाकर अन्न का त्याग कर दिया।

नवरात्रि के अवसर पर लोग उपवास या तरह-तरह की भक्ति कर मां दुर्गा के प्रति आस्था और श्रद्धा जताते हैं। आज हम आपको मां दुर्गा के ऐसे अनोखे भक्त के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर चैत्र नवरात्रि में कठिन तरीका अपनाकर मां दुर्गा की उपासना करता है। इस भक्त ने इस बार एक ही आसन पर बैठकर अपने शरीर पर जवारे उगाए हैं। इस भक्त की कठोर तपस्या को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंच रहे हैं।

मां दुर्गा का अनोखा भक्त

 

नवरात्रि के दिनों में पूरे भारत में देवी मां की भक्ति का माहौल छाया रहता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि को बड़े ही जोरों शोरों से मनाया जाता है। भक्त माता के नौ रूपों की बड़े ही विश्वास और भक्ति भावना से पूजा करते हैं। नवरात्रि के शुभ अवसर पर लोग जवारे बोते हैं। इनके बिना माता की पूजा अधूरी मानी जाती है। दरअसल, आज हम आपको जिस खबर के बारे में बता रहे हैं यह सागर के रहली विकासखंड के चांदपुर गांव की है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं आदि शक्ति मां दुर्गा की उपासना के पर्व चैत्र नवरात्रि के अवसर पर देश भर में लोग व्रत-उपवास करते हैं।

रहली विकासखंड के चांदपुर ग्राम में भी 32 साल के कमलेश कुर्मी ने ऐसा ही कठोर व्रत धारण किया है। कमलेश सुना-सिंगपुर गांव के रहने वाले हैं लेकिन उन्होंने चांदपुर में अपने गुरु भाई धर्मेंद्र विश्वकर्मा के घर पर कठोर व्रत धारण किया है। कमलेश ने एक ही आसन पर बैठकर अपने शरीर पर जवारे उगाए हैं। वह हफ्ते भर से एक कुर्सी पर ही एक ही अवस्था में बैठे हुए हैं। मां शक्ति की कठिन भक्ति के लिए कमलेश ने कई दिनों पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी थी।

माता रानी के भक्त ने अपने हाथों से मिट्टी की प्रतिमा का निर्माण भी किया। उसने नवरात्रि शुरू होने के करीब 20 दिन से ही अन्न त्याग रखा है और कठिन व्रत के लिए अभ्यास शुरू कर दिया। कमलेश ने नवरात्रि में अपने हाथों से बनाई प्रतिमा के समक्ष 9 दिन तक एक ही आसन पर बैठकर शरीर पर जवारे स्थापित कराने का व्रत धारण किया। इस कठोर व्रत के दौरान कमलेश सिर्फ दो चम्मच जल ग्रहण कर रहे हैं। कमलेश की कठोर तपस्या को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंच रहे हैं। माता के प्रति भक्ति की इस आस्था को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच रही है।