कब से शुरू होगा छठ महापर्व? जानिए नहाय-खाय, खरना की सही तारीख और इन बातों का रखें ध्यान

दिवाली के बाद अब पूरा देश छठ पर्व की तैयारियों में जुटा हुआ है। छठ पूजा सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाया जाता है। साथ ही इसे नेपाल में भी मनाया जाता है। इस त्योहार को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। छठ पूजा का पर्व संतान के लिए रखा जाता है। छठ पूजा हर वर्ष मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि छठी माता उस व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं जो इस व्रत को स्वीकार करते हैं।

इस साल छठ पर्व 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और 31 अक्टूबर तक चलेगा। इस त्यौहार में छठी माता और सूर्य देव की पूजा-अर्चना की जाती है। छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में 36 घंटे तक निर्जला रहना पड़ता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस त्यौहार का बहुत विशेष महत्व होता है। आज हम आपको छठ पूजा कितने दिन का होता है इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

कितने दिन रखा जाता है छठ पूजा का व्रत

पहला दिन- नहाय खाय

छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से ही हो जाता है। 28 अक्टूबर को नहाय खाय है। इस दिन व्रत करने से पहले एक बार ही भोजन किया जाता है। उसके पश्चात नदी में स्नान किया जाता है।

दूसरा दिन- खरना

छठ के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। 29 अक्टूबर को खरना है। इस दिन सूर्य उदय से लेकर सूर्यास्त तक महिलाओं को व्रत रहना पड़ता है। शाम को सूर्यास्त के तुरंत पश्चात ही व्रत तोड़ा जाता है। इसके पश्चात भोजन तैयार किया जाता है। उसके बाद सूर्य को भोग अर्पित करते हैं। व्रत का तीसरा दिन दूसरे दिन के प्रसाद के ठीक बाद शुरू होता है।

तीसरा दिन- अर्घ्य

आपको बता दें कि छठ पूजा का पहला अर्घ्य 30 अक्टूबर को है। इस दिन सूर्यास्त का समय सुबह 5:37 बजे रहेगा। छठ पूजा का यह तीसरा दिन होता है, जो सबसे प्रमुख माना जाता है। इस मौके पर शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है। इसके बाद जिसने छठ पूजा का व्रत रखता है वह अपने परिवार के साथ मिलकर सूर्यदेव को अर्घ्य देता है और इस दिन डूबते हुए सूर्य की आराधना की जाती है।

चौथा दिन- उषा अर्घ्य

36 घंटे के व्रत के पश्चात उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसे उषा अर्घ्य भी कहा जाता है। यह 31 अक्टूबर को छठ पर्व का आखरी दिन है।

छठ पूजा के दिन रखें इन बातों का ध्यान

छठ पूजा के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है। इस दिन जरूरतमंदों और निर्धन लोगों की सहायता जरूर कीजिए। ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन गरीब लोगों में खाना बांटा जाए तो छठी माता की कृपा से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। जब आप छठ पूजा का प्रसाद बना रहे हों, तो उस समय के दौरान नमकीन वस्तुओं को हाथ ना लगाएं। भगवान सूर्य को स्टील, प्लास्टिक, शीशे, चांदी आदि के बर्तन से अर्घ्य ना दें।

छठ के दिन करें उपाय

1. जिन लोगों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो पा रही है, तो उन्हें छठ के दिन 108 बार मंत्र “ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: ” का जाप करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है।

2. अगर कोई व्यक्ति नौकरी पाने की हर संभव कोशिश कर रहा है परंतु इसके बावजूद भी उनकी नौकरी नहीं लग रही है या फिर घर में आर्थिक समस्या चल रही है, तो ऐसी स्थिति में उन लोगों को सूर्य देव के मंत्र “ऊं घृणिः सूर्याय नमः” का जाप करना चाहिए।

3. भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और पशु पक्षियों को गेहूं के आटे और गुड़ से बना खाना खिलाएं इससे संतान की सुख-समृद्धि होती है।