लाउडस्पीकर की चेकिंग करने मंदिर पहुंचे थे SHO साहब, बिना मां-बाप की बेटी की शादी देख किया ये काम

पुलिस समाज के लिए रक्षक होती है। कानून की रक्षा करना और लोगों से कानून का पालन करवाना पुलिस का कर्तव्य होता है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं समाज में अपराध बढ़ रहे हैं, जिन पर अंकुश लगाना पुलिस का धर्म होता है। पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए 24 घंटे तैनात रहती हैं। एक पुलिस जवान का जीवन हमेशा खतरे से भरा होता है। कई बार तो अपराधियों के साथ मुठभेड़ करते समय या उन्हें पकड़ने के प्रयास में जान तक चली जाती है।

वैसे देखा जाए तो पुलिस को लेकर अलग-अलग लोगों के मन में कई सोच हैं। दुनिया के सामने पुलिस का कई चेहरा आ चुका है। कई पुलिसवाले ऐसे होते हैं, जो अपने रुतबे का रौब दिखाते हैं। वहीं कुछ पुलिसवाले ऐसे भी होते हैं, जो हमेशा अपने कर्तव्य को ईमानदारी के साथ निभाते हैं। ऐसे पुलिसवाले एक बेहतरीन इंसान के रूप में सामने आते हैं। इसी बीच पुलिस का एक ऐसा ही मानवीय चेहरा उत्तर प्रदेश के देवरिया में देखने को मिला है, जिसकी हर कोई तारीफ करते हुए नहीं थक रहा है।

SHO साहब ने पेश की मिसाल

दरअसल, आज हम आपको जिस खबर के बारे में बता रहे हैं यह उत्तर प्रदेश के देवरिया से सामने आई है। देवरिया पुलिस के एक थानेदार ने मंदिर में हो रही बिन मां-बाप की बेटी की शादी में उपहार और आशीर्वाद देकर एक मिसाल पेश की। एसएचओ आशुतोष के द्वारा किए गए इस कार्य की हर तरफ तारीफ हो रही है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही उतर प्रदेश के चंदौली में डीएसपी अनिरुद्ध सिंह के द्वारा एक गरीब लड़की की शादी का पूरा खर्च का जिम्मा उठाया गया था। लेकिन अब देवरिया में SHO आशुतोष ने कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है।

लाउडस्पीकर की चेकिंग के लिए पहुंचे थे SHO साहब

आपको बता दें कि थाना बरियापुर के एसएचओ आशुतोष लाउडस्पीकर की चेकिंग के लिए क्षेत्र का दौरा कर रहे थे। इस दौरान वह अपनी पूरी टीम के साथ थे। जब वह अपनी टीम के साथ लाहिलपार मंदिर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि वहां एक शादी हो रही। जब SHO आशुतोष को यह बात मालूम हुई कि लड़की के माता-पिता नहीं है और उसके मामा मामी लड़की की शादी करवा रहे हैं जो खुद काफी निर्धन है तो ऐसी स्थिति में एसएचओ साहब ने उनकी मदद करने की सोची।

बिन मां-बाप की बेटी की शादी में SHO ने दिया तोहफा

SHO ने तुरंत बाजार से फ्रिज, पंखा और मिक्सर मंगवाया। फिर दूल्हा-दुल्हन को भेंट करके उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही एसएचओ साहब ने मंदिर के पुजारी से शादी में हो रहे सामान्य खर्चे को माफ करने के लिए भी आग्रह किया, जिसको पुजारी ने खुशी से स्वीकार कर लिया।

एसएचओ आशुतोष के द्वारा यह बताया गया कि ज्योति मद्देशिया जब बहुत छोटी थी, तब उसके माता-पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद उसके मामा-मामी ने ही उसका पालन पोषण किया। देवरिया के रहने वाले अंकित मद्देशिया से शादी तय की और शुक्रवार को लाहिलपार मंदिर में शादी हो रही थी।

उन्होंने बताया कि जब वह लाउडस्पीकर की चेकिंग के लिए क्षेत्र का दौरा कर रहे थे, तब वह लाहिलपार मंदिर भी गए। वहां लड़की की इस कहानी से उनका दिल पसीज गया और उन्होंने दूल्हा-दुल्हन को उपहार देकर आशीर्वाद दिया। बिन मां-बाप की बेटी की शादी में उपहार और आशीर्वाद देकर SHO ने एक मिसाल पेश की है। एसएचओ आशुतोष द्वारा किए गए इस काम की चारों तरफ सराहना हो रही है।