सोने के दामों में लगातार आ रही है गिरावट, जानिए कहां जाकर रुकेंगे अब इसके प्राइस

सोना हमेशा से महंगी धातु रहा है. आभूषण बनाने में इसका उपयोग सदियों से होता रहा है. इसकी मांग ज्यादा होने के कारण और इसकी आपूर्ति कम होने के कारण इसकी कीमतों में लगातार वृद्धि होती रहती हैं. लोगों द्वारा इसका भंडारण करने के कारण भी इसकी कीमत बढ़ जाती है. ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है. आपको बता दें कि पिछले साल 2020 में जब भारतीय बाजार में सोना 56 हजार प्रति दस ग्राम से ऊपर चला जा रहा था तो यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इसके दाम और बढ़ने वाले हैं. उस समय ऐसा लग रहा था कि कोरोना संक्रमण पर काबू मुश्किल होने वाला है और इसकी कीमतें और बढ़ने जा रही हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के टीके ने सारे अनुमान बदल दिए हैं. अब सोना भारतीय बाजार में गिरता जा रहा है और अब 44 हजार के स्तर पर आ गया है. कहा जा रहा है कि सोना इससे भी नीचे जाने वाला है.

क्यों घटाई जा रही गोल्ड की कीमत?

हालाँकि कोरोना वैक्सीनेशन में तेज रफ्तार आने के बाद दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियों के तेज होने के बाद से सोने के दाम में ज्यादा गिरावट आ गई है. दूसरा बडा कारण अमेरिकी बॉन्ड यील्ड का बढ़ना भी है. दुनिया भर के निवेशक अमेरिकी बॉन्ड में भारी निवेश कर रहे हैं. बॉन्ड यील्ड आकर्षक होने सोने में बड़े निवेशक वहां निवेश कर रहे हैं. इसलिए इंटरनेशनल मार्केट में सोने में निवेश घट रहा है और यही इसकी कीमतें कम होने की भी बड़ी वजह बताई जा रही है. इसके अलावा डॉलर की मजबूती ने भी सोने की मांग घटा दी है. क्योंकि दूसरी करेंसी धारकों के लिए डॉलर में गोल्ड खरीदना महंगा पड़ जाता है.

क्या और गिरना बाकी है इसके दाम?

दरअसल जहां तक भारत का प्रश्न है तो इस पर इंटरनेशनल मार्केट का प्रभाव तो पड़ता ही है. साथ ही भारत में गोल्ड-सिल्वर पर ड्यूटी कम होने से भी यह सस्ता हो रहा है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर पीआर सोमसुंदरम के अनुसार बॉन्ड यील्ड बढ़ने और सोने की कीमतों में गिरावट के कारण फरवरी में Gold ETFs की होल्डिंग दो फीसदी से ज्यादा कम हो गई है. इस दौरान ग्लोबल Gold ETFs की होल्डिंग में 84.7 टन सोने की गिरावट आ गई है. उनके अनुसार अब तक के इतिहास में यह सातवां सबसे बड़ी मासिक गिरावट दर्ज हुई है. दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड आधारित एक्सडेंज ट्रेडेड फंड SPDR Gold Trust की होल्डिंग 21 सितंबर, 2020 को 1,278.82 तक के अपने ऊँचे स्तर पर पहुंच चुकी थी. लेकिन 4 मार्च 2021 तक इसमें 200.5 टन यानी 15 फीसदी की गिरावट आ गई. साफ है कि सोने की कीमतों को अभी और गिरना बाकी है.