Pics: ये है भारत की सबसे अनोखी शादी, दुल्हन की हाइट 5.5 फीट तो दुल्हा है केवल 3 फीट

विवाह एक ऐसा पवित्र बंधन है जिसमें 2 लोग एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खाते हैं. कोराना महामारी के दौरान भी लोग काफी शांत तरीके से शादियां कर रहे हैं. और कोरोना गाइडलाइंस के बीच हो रही यह शादियां याद रखी जाएंगी. वैसे तो हमारे यहां हजारों शादीयां होती है लेकिन कुछ शादी ऐसी भी होती है जो कि ना चाहते हुए भी चर्चा का विषय बन ही जाती है. बहरहाल, आज हम आपको ऐसी अनोखी के शादी के बारे में बताने जा रहे हैं जो इन दिनों सबके जेहन में छाई हुई है. असल में यह शादी गुजरात के जूनागढ़ में हुई थी. जिसमें दुल्हन और दूल्हे की हाइट में काफी फर्क है और साथ में दोनों की उम्र में भी काफी अधिक फासला है. आईये जानते हैं यह पूरा किस्सा…

दरअसल यह पूरा मामला गुजरात के जूनागढ़ जिले का है जहां एक दुल्हन और दूल्हे की शादी बेहद अनोखी बताई जा रही है. इस शादी में ना केवल दूल्हे और दुल्हन की उम्र में फर्क है बल्कि दोनों की हाइट में भी जमीन आसमान का अंतर है. जहां एक तरफ लड़की की हाइट 5 फीट 5 इंच की है तो वही उसके पति की हाइट महज 3 फीट है. दोनों की उम्र में कम से कम 13 सालों का फासला है. खबरों की माने तो दुल्हन का नाम शांता मकवाना है जिसकी हालिया उमर 29 वर्ष है.

शांता सत्यम सेवा युवक मंडल के गर्ल्स हॉस्टल में रहती आई है. शांता असल में जन्म से ही देख नहीं सकती. आंखों की कमी के बावजूद भी शांता ने अपनी B.Ed की पढ़ाई पूरी की है. उसने कभी भी अपनी ब्लाइंडनेस को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया था. वहीं उसने डिग्री भी अच्छे नंबरों से हासिल की थी. शांता के दूल्हे का नाम रमेश भाई डांगर है. रमेश मूल रूप से जोधपुर तहसील निवासी हैं जिनकी उम्र हालिया 42 वर्ष है. रमेश असल में एक सरकारी अधिकारी हैं. पेशे से वह एक सरकारी शिक्षक हैं.

खबरों की मानें तो रमेश भाई डांगर को किसी माध्यम के जरिए शांता के बारे में जानकारी मिली थी. ऐसे में उन्होंने शांता से मिलकर उसे शादी करने की इच्छा प्रकट की. वही शादी के लिए शांता ने भी तुरंत हां कह दिया था. दोनों ने अपनी कमियों को अपनाया और एक दूसरे से शादी करने का फैसला ले लिया था. ऐसे में दोनों की मर्जी से शादी करवा दी गई. वही शादी के बाद से ही पूरे गुजरात में दोनों के चर्चे हो रहे हैं. लोगों के अनुसार दोनों ही एक दूसरे के लिए परफेक्ट हैं क्योंकि जहां एक तरफ रमेश भाई नौकरी कर रहे हैं और अच्छा घर पर चला सकते हैं वही शांता जो बचपन से देख नहीं सकती उसको उसका साथी मिल गया है.