ये है मशहूर पॉलिटिशियन सुषमा स्वराज की इकलौती बेटी ,जाने किस फील्ड में है कार्यरत

सुषमा स्वराज आज राजनीती की दुनिया का एक नामी चेहरा बन चुकी हैं और बीते लम्बे वक्त से इन्होने राजनीती में खुद को मजबूती से स्थापित किया है| ये भारत की पूर्व विदेश मंत्री का पदभार सम्भालने के साथ साथ आज भारतीय जनता पार्टी की एक मशहूर राजनैतिक चेहरे के रूप में भी अपनी एक अहम पहचान रखती हैं| साल 1975 में सुषमा नें सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील स्वराज कौशल संग शादी रचाई थी जो की इससे पहले मिजोरम के गवर्नर भी रह चुके हैं| इस शादी से इनकी एक बेटी भी है और इनकी इसी बेटी के बारे में आज हम आपको इस पोस्ट में बताने जा रहे हैं|

बता दें के सुषमा की बेटी का नाम बांसुरी कौशल है और इनके अलावा इनके पास कोई और सन्तान नही है| वहीँ अगर बात करें बांसुरी की तो ये काफी हद तक अपने पिता के ही रास्ते पर चल रही हैं और इन्होने कुछ ही सालों पहले अपनी ग्रेजुएशन पूरी की है और इनर टेम्पल से इन्होने कानून में बैरिस्टर की डिग्री भी ली है| इसी सब के साथ ये आज एक सफल क्रिमिनल लॉयर भी बन चुकीं हैं|भारत की हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में आज बांसुरी बतौर क्रिमिनल लॉयर काम भी कर रही हैं|

वहीँ अगर बात करें इनकी पोपुलारिटी की तो सबसे अधिक इनका नाम खबरों और सुर्ख़ियों में तब सुनने को मिला था जब इनसे जुडी ऐसी खबर आई थी के IPL का पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की लीगल टीम में बांसुरी भी शामिल थीं| यह कोई सुनी सुनाई बात नही है क्योंकि लीगल टीम के सभी सदस्यों को ललित मोदी नें खुद अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट के जरिये बधाई दी थी और इसमें बांसुरी का नाम भी देखने को मिला था| साथ ही इस पोस्ट में अन्य 8 वकीलों के नाम भी शामिल रहे|

खबरों की माने तो उस वक्त ऐसी खबरें समने आ रही थी का सुषमा की बेटी बांसुरी ललित मोदी की मदद कर रही हैं जिसके बाद हाई कोर्ट नें 27 अगस्त, 2014 को ललित मोदी का पासपोर्ट बहाल कर दिया था| और इसी पासपोर्ट मामले से सांस मिलने के बाद अपनी लीगल टीम को ललित नें बधाई दी थी| वहीँ बीजेपी का बांसुरी के बचाव में कहना यह था के सुषमा की बेटी अपनी जिंदगी में अपने प्रोफेशन को चुनने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं

कौन हैं सुषमा स्वराज के पति

साल 1975 में सुषमा स्वराज नें स्वराज कौशल संग शादी की थी जो के अपने वक्त में लॉ के फील्ड के एक जाने माने नाम हुआ करते थे| इनके पति स्वराज कौशल की कहें तो ये इंडिया के सबसे युवा एडवोकेट भी रहे थे| साथ ही इन्होने साल 1990 से लेकर साल 1993 तक मिजोरम के गवर्नर के पद को भी सम्भाला था| वहीँ बर्तमान में स्वराज सुप्रीम कोर्ट के एक वरिस्ठ लॉयर के रूप में अपनी पहचान रखते हैं|

वहीँ अगर बात करें इनके राजनैतिक सफर की साल 1952 में जन्मी सुषमा नें बीते साल 2019 में ही अंतिम साँसें ली और यही इनका यह सफर भी समाप्त हो गया|