इस दिन है पापमोचनी एकादशी, जानिए किस शुभ मुहूर्त में करें पूजा और व्रत का महत्व

7 अप्रैल 2021 दिन बुधवार को पापमोचनी एकादशी मनाई जाएगी। आपको बता दें कि ये चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। वैसे तो हर साल 24 एकादशी पड़ती और हर महीने 2 एकादशी आती है और हर एकादशी का अपना-अपना बहुत अधिक महत्व माना गया है। हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापों को हरने वाली एकादशी मनाई जाती है, जिसको पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से पापमोचनी एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व क्या है, इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

पापमोचनी एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त

पापमोचनी एकादशी 7 अप्रैल 2021, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी की विशेष पूजा आराधना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। आखिर किस शुभ मुहूर्त में पूजा करें, चलिए जानते हैं इसके बारे में-

एकादशी तिथि आरंभ- 07 अप्रैल 2021, बुधवार सुबह 02 बजकर 09 मिनट से

एकादशी तिथि समाप्त- 08 अप्रैल 2021, गुरुवार सुबह 02 बजकर 28 मिनट पर

व्रत समाप्ति समय- 08 अप्रैल 2021, गुरुवार सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर

एकादशी व्रत पारण समय- 08 अप्रैल 2021, गुरुवारदोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 04 बजकर 11 मिनट तक

जानिए कैसे करें व्रत और पूजा

  • जो व्यक्ति एकादशी का व्रत कर रहा है, उसको व्रत के नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी है। एकादशी व्रत करने वालों को दशमी तिथि के की शाम से ही अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • आप एकादशी व्रत के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के पश्चात साफ-सुथरे कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लीजिए।
  • अगर आप व्रत के दौरान पीले रंग के कपड़े पहनते हैं तो यह बहुत ही फलदाई माना जाता है क्योंकि जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी को पीला रंग बहुत अधिक प्रिय है।
  • आप पूजा स्थल को साफ सुथरा करने के पश्चात भगवान विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर अच्छी तरह से साफ करके स्थापित करें और भगवान की मूर्ति या तस्वीर को चंदन का तिलक लगाएं। उसके पश्चात विष्णु जी के सामने धूप और दीप जलाएं और पुष्प, नैवेद्य अर्पित कीजिए।
  • इसके बाद आप एकादशी की कथा पढ़िए और भगवान विष्णु जी की आरती कीजिए। व्रत वाले दिन आप भगवान विष्णु जी का पूरा दिन ध्यान करते हुए व्रत कीजिए और किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से दूर रहें।
  • आप द्वादशी तिथि पर दान देकर या फिर किसी ब्राह्मण को भोजन कराकर व्रत का पारण कीजिए। इसके अलावा जो लोग व्रत नहीं कर रहे हैं तो उनको भी एकादशी तिथि के दिन चावल, लहसुन, प्याज और मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

पापमोचनी एकादशी का महत्व जानिए

पापमोचनी एकादशी के नाम से ही यह पता लग रहा है कि यह एकादशी पापों का नाश करने वाली है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पापमोचनी एकादशी का व्रत जो व्यक्ति करता है, उसके जीवन के सभी प्रकार के पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं। अगर व्यक्ति पापमोचनी व्रत विधि-विधान पूर्वक करता है तो उसको बड़े से बड़े यज्ञों के समान फल की प्राप्ति होती है। पापमोचनी एकादशी व्रत का महत्व हजार गायों के दान के बराबर माना जाता है। जो व्यक्ति पापमोचनी एकादशी का व्रत करता है उसका जीवन धन-धान्य से परिपूर्ण होता है और जीवन में खुशियां आती हैं।