पीएम मोदी ने करोल बाग के रविदास धाम मंदिर में किया भजन-कीर्तन, खुद बजाई करताल, देखें Video

पूरे देश ने 16 फरवरी को रविदास जयंती बड़े ही उत्साह के साथ मनाई। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ महीने की पूर्णिमा तिथि पर संत रविदास की जयंती मनाई जाती है। संत रविदास जी का जन्म माघ पूर्णिमा तिथि के दिन हुआ था। इस दिन संत रविदास के अनुयायी बड़ी संख्या में उनके जन्म स्थान पर एकत्रित होकर भजन कीर्तन करते हैं।

इसी बीच संत रविदास जयंती के मौके पर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी दिल्ली के करोल बाग स्थित श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर पहुंचे और इस मौके पर उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मंदिर परिसर में मौजूद महिलाओं के साथ बैठकर भजन-कीर्तन किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी संत रविदास जयंती के मौके पर सुबह ही करोल बाग स्थित श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर पहुंच गए थे और सुबह-सुबह पर वहां जाकर प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं के साथ भजन कीर्तन में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी वहां श्रद्धालुओं के साथ बैठकर खुद करताल बजा रहे थे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है।

पीएम मोदी ने यह बताया था कि वह श्री गुरु रविदास विश्राम में जाएंगे और वह वहां पर जाकर वह जन-जन के कल्याण के लिए प्रार्थना करेंगे। लोग उनको वहां पर देखकर काफी खुश नजर आ रहे थे।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक भी किया था उन्होंने ट्विटर पर संत रविदास की पूजा करते हुए कई तस्वीरें भी साझा की थी इसके साथ ही पीएम मोदी जी ने यह लिखा था कि “महान संत गुरु रविदास जी की जन्म-जयंती है। उन्होंने जिस प्रकार से अपना जीवन समाज से जात-पात और छुआछूत जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया,

वो आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायी है। इस अवसर पर मुझे संत रविदास जी की पवित्र स्थली को लेकर कुछ बातें याद आ रही हैं। साल 2016 और 2019 में मुझे यहां मत्‍था टेकने और लंगर छकने का सौभाग्य मिला था। एक सांसद होने के नाते मैंने ये तय कर लिया था कि इस तीर्थस्थल के विकास कार्यों में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।”

आपको बता दें कि संत रविदास के गिनती 15 वीं सदी के महान संतों में होती है। वह मूल रूप से कवि और समाज सुधारक रहे हैं। हिंदू एवं पंजाबी समाज में इन्हें ईश्वर का दर्जा प्राप्त है। संत रविदास ने छुआछूत का विरोध करते हुए संत कबीर दास की तरह समाज की कुरीतियों पर प्रहार किया। रविदास जीवन में कर्म को महत्वपूर्ण मानते थे। एक समतामूलक समाज के लिए उन्होंने सामाजिक एवं अध्यात्मिक संदेश दिया और लोगों को सच्चाई के मार्ग पर चलना सिखाया।

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी रविदास मंदिर में पहुंचे तो वहां पर उन्होंने मंदिर में मत्था टेका। पीएम मोदी जी को देखकर महिला श्रद्धालु काफी खुश नजर आ रही थीं। वहां के श्रद्धालुओं का ऐसा कहना था कि पीएम मोदी जी हमारे यहां पर आए मंदिर की ख्याति और बढ़ गई है। पीएम मोदी जी को देखकर वहां पर उपस्थित लोग बेहद खुश थे।