मशहूर सिंगर उदित नारायण का खुलासा, करियर के 20 साल तक झेली थी धमकियां, डिप्रेशन से मरने तक का आया था ख्याल

बॉलीवुड में एक्टर्स ही नई बल्कि सिंगर्स को भी सक्सेस पाने के लिए कड़ी मेहनत और स्ट्रगल करना पड़ता है. आज हम आपको ऐसे ही सिंगर की ज़िंदगी के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने कामयाबी पाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की और आज उनका राज पूरी सिंगिंग इंडस्ट्री पर चलता है. यह सिंगर कोई और नही बल्कि मेलोडी आवाज़ के मालिक श्री उदित नारायण हैं. हाल ही में उदित नारायण ने बॉलीवुड में अपने 40 साल पूरे किए हैं. उन्होंने पहला गाना 1980 में आई फ़िल्म ‘उन्नीस बीस’ के लिए गाया था. जिसका संगीत राजेश रोशन ने दिया था. इंडस्ट्री में नाम कमाने के बाद अब उदित नारायण अपना यू ट्यूब चैनल लांच करने जा रहे हैं.

अपने करियर के 40 वर्षों में उदित नारायण को दो बार पद्मश्री अवार्ड से नवाज़ा गया है. इसके इलावा वह 5 बार फ़िल्म फेयर आवार्ड भी जीत चुके हैं. 4ओ भाषाओं में गाने वाले उदित नारायण को कामयाबी इतनी आसानी से हाथ नही लगी है, इसके लिए उन्होंने काफी कुछ सहा भी है.

छोटे गांव से की थी शुरुआत

एक इंटरव्यू के दौरान उदित नारायण ने बताया कि 1980 से पहले उन्होंने काम पाने के लिए काफी संघर्ष किए हैं. छोटे शहर से निकल कर मुंबई पहुंच कर उन्हें 6 से 7 लोगों के साथ रूम शेयर करना पड़ता था. उनके पिता किसान थे और उन्हें डॉक्टर या इंजीनियर बनाना चाहते थे. लेकिन उदित नारायण को हमेशा से संगीत में रूचि थी. टैलेंट होने के बाद भी उन्होंने कई बड़े गीतकारों के दरवाज़े खटखटाये तब जाकर उन्हें काम मिल था. साल 1988 में फ़िल्म ‘कयामत से कयामत तक’ ने उदित की किस्मत बदली जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे नही मुड कर देखा.

धमकी भरे कॉल्स आते थे

‘कुछ कुछ होता है’ फ़िल्म की सफलता के बाद उदित नारायण का एक और संघर्ष दौर चालू हुआ. उन्हें एक्सटॉर्शन मनी के लिए अक्सर धमकियां मिलती थी. उनके काम से कईं लोग जलते थे इसलिए उन्हें काम छोड़ने के लिए कहा जाता था. साल 2019 तक लखनऊ से किसी ने उदित नारायण के नाम की सुपारी ली थी. इसके लिए उन्हें हमेशा हमले की धमकियां दी जाती थी. हर दो चार महीनों में उन्हें कोई ना कोई धमकी मिल ही जाती थी. इसके साथ ही हर कॉल पर भरपूर गालियां दी जाती थी.

22 साल तक डर में बिताई ज़िन्दगी

उदित नारायण उस समय केवल20 हज़ार ही कमाते थे लेकिन फिर भी उन्हें धमकियां मिलनी बन्द नही होती थी. 22 साल तक उन्हें धमकियों के चलते डर डर कर जीना पड़ा था. कईं बार डिप्रेशन के चलते उनके मन मे खुद को मिटाने के भी ख्याल आते रहे लेकिन मुश्किलों से लड़ते लड़ते वह पत्थर बन गए थे. उदित नारायण के अनुसार यदि व्यक्ति को जीवन मे सफल होना है तो उसे मुश्किलों और अड़चनों का सामना करना सीखना होगा. आज उन्हें बॉलीवुड में 40 साल हो चुके हैं, बड़े बड़े गीतकार भी उनकी गायकी का लोहा मानते हैं.