मध्यप्रदेश में हुई अनोखी शादी, सास-ससुर ने विधवा बहू के लिए तलाशा पति और विधुर दमाद का फिर से बसाया घर

अक्सर हम सभी लोगों ने यह कहते हुए सुना होगा कि बहू नहीं हमारी बेटी है। लेकिन बहुत कम ही लोग इस दुनिया में है, जो बहू को बेटी समझते हैं। हर माता-पिता का यही सपना होता है कि उनकी बेटी को ससुराल में बहू नहीं बल्कि बेटी की तरह सम्मान मिले। इसी बीच आज हम आपको मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में पुनर्विवाह के एक अलग ही मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर एक सास ससुर ने अपनी विधवा बहू की शादी करवाई है।

सास-ससुर ने घर से विधवा बहू को बेटी की तरह विदा कर समाज में बदलाव का संदेश दिया है। उन्होंने विधवा बहू की शादी करवाकर समाज में एक मिसाल पेश की है। इसके साथ ही उसकी अधूरी जिंदगी को संवार दिया है। वहीं दूल्हा बने युवक की शादी भी उसके साथ ससुर ने ही करवाई है। बहू को सास-ससुर ने बेटी मानकर और दामाद के सास-ससुर ने बेटा मानकर दोनों की आपस में शादी करवाई। इस जोड़े ने शादी के कुछ साल बाद ही अपने-अपने जीवनसाथी को खो दिया था।

विधवा बहू और विधुर दामाद की करवाई शादी

दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में बता रहे हैं यह खंडवा जिले से सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, खरगोन जिले में रहने वाले रामचंद्र राठौर और गायत्री राठौर के बेटे अभिषेक का निधन हार्ट अटैक की वजह से 5 वर्ष पहले हो गया था। बेटे के निधन के बाद बहू मोनिका बिल्कुल अकेले पड़ गई थी। इससे बहू मोनिका और 7 वर्ष की पोती दिव्यांशी उदास रहने लगी।

सास ससुर को इनकी परेशानी ना देखी गई और उन्होंने अपनी बहू के जीवन के सुनेपन को खत्म करने का फैसला लिया और उन्होंने उसकी जिंदगी फिर से संवारने का मन बना लिया। सास-ससुर ने तमाम सामाजिक बंधनों को तोड़ बहू का पुनर्विवाह कराने का मन बनाया। उन्होंने बहू को बेटी मानकर रिश्ता तलाशा और 5 साल बाद बहू के लिए वर तलाश लिया। खंडवा निवासी दिनेश के रूप में उनकी तलाश पूरी हो गई।

सास-ससुर ने तय किया दूल्हा बने दिनेश का रिश्ता

आपको बता दें कि खंडवा निवासी दिनेश का रिश्ता भी माता-पिता ने नहीं बल्कि सास-ससुर ने ही तय किया है। दरअसल, दिनेश की पत्नी समिता का निधन कोरोना में हो गया था। दिनेश की दो बेटियां हैं। इसलिए दिनेश की सास शकुंतला राठौर और ससुर मोहनलाल राठौर ने इन बेटियों के भविष्य को देखते हुए अपने दामाद के लिए बहू ढूंढ ली। शनिवार को खंडवा के गायत्री मंदिर में गायत्री पद्धति से जिला न्यायालय में स्टेनो दिनेश और मोनिका का पुनर्विवाह संपन्न कराया गया था।

इन पुनर्विवाह में माता-पिता की जगह सास-ससुर की भूमिका अहम है। एक ने अपनी विधवा बहू के लिए तो दूसरे विधुर दमाद के लिए रिश्ता तलाशा है। बहू को सास-ससुर ने बेटी मानकर और विधुर दमाद को सास-ससुर ने बेटा मानकर दोनों की आपस में शादी करवाई।

बता दें कि ससुर से पिता बने रामचंद्र राठौर ने कहा कि कन्यादान के समय मेरे समधी ने मुझसे कहा था कि मेरी बेटी की जिम्मेदारी अब आपकी है। जब शादी के 3 साल बाद मेरे बेटे अभिषेक का निधन हुआ, तो बहू मोनिका की हालत मुझसे नहीं देखी गई। 5 साल तक काफी कोशिश करने के बाद अंत में योग्य वर की तलाश पूरी हुई। उन्होंने कहा कि अब मोनिका इस घर में बहू की तरह नहीं बेटी की तरह आएगी।