“मैं पत्नी के व्रत का कर्ज उतार रहा हूं…” 80 साल के बुजुर्ग की कहानी सुन आंखें हो जाएंगी नम

दुनिया में सबसे पवित्र रिश्तों में से एक पति-पत्नी का रिश्ता होता है। जीने के लिए पति-पत्नी का एक दूसरे का सहयोग बहुत ही जरूरी है, बिना सहयोग के तरक्की की आशा नहीं की जा सकती। पति-पत्नी एक दूसरे के सुख-दुख के साथी होते हैं। जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थितियां आएं, पति-पत्नी एक दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ते हैं। सुख-दुख के दोनों साथी हैं। भले ही इस रिश्ते में नोक-झोंक होती रहती है परंतु छोटी मोटी नोक-झोंक ही रिश्ते को मजबूत बनाती है।

पति पत्नी के रिश्ते में रूठने और मनाने का सिलसिला चलता रहता है। ऐसे में इस रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए पत्नियां करवा चौथ का व्रत रखती हैं। करवा चौथ का त्यौहार प्यार और समर्पण से बने इस रिश्ते का साक्षी है। इस दिन पत्नी अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। लेकिन यूपी के झांसी में एक पति करवा चौथ व्रत के सही मायने को सार्थक कर रहा है।

जिले में प्रमोद दुबे और सुशीला दुबे की शादी को 50 साल हो गए लेकिन प्यार में कोई भी कमी नहीं आई है। पत्नी के जीवन के कठिन दौर में उसका बखूबी साथ निभा रहे हैं। बता दे कि 50 साल से अधिक के वैवाहिक जीवन के शुरुआती दिनों में सुशीला ने प्रमोद का ख्याल रखा। वहीं अब जब उम्र के इस पड़ाव में सुशीला मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, तो वह उनकी सेवा कर रहे हैं।

सुशीला का ख्याल रखने में बीतता है दिन

आपको बता दें कि रिटायर होने के बाद प्रमोद पारिवारिक कारणों की वजह से वृद्धाश्रम आ गए थे। वह पिछले 6 साल से वृद्धाश्रम में रहते हुए अपनी पत्नी की सेवा कर रहे हैं। प्रमोद दुबे की आयु 80 वर्ष की है। उनका ऐसा बताना है कि कुछ साल पहले उनकी पत्नी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गई हैं। आज उनका पूरा दिन अपनी पत्नी की सेवा में जाता है।

प्रमोद ने बताया कि उनकी नित्य क्रिया से लेकर उनकी चोटी बनाने तक का काम वह खुद अपने हाथों से करते हैं। इसके साथ ही सुशीला को खाना खिलाने और समय पर दवाई देने का काम भी वह खुद करते हैं। उनके प्यार और समर्पण को देखकर वृद्धाश्रम में रहने वाले अन्य लोगों के चेहरे पर मुस्कान और आंखों में खुशी के आंसू आ जाते हैं।

जब तक सुशीला ठीक थीं, तो वह करवा चौथ का व्रत करती थी

प्रमोद का ऐसा बताना है कि जब तक सुशीला ठीक थीं, तो वह करवा चौथ का व्रत किया करती थी। वह मानते हैं कि उनके व्रत के कारण ही आज स्वस्थ हैं और अपने साथ सुशीला का भी पूरा ख्याल रख पाते हैं। प्रमोद दुबे का ऐसा बताना है कि सुशीला की सेवा करके वह उनके व्रत का कर्ज उतार रहे हैं। डायबिटीज के मरीज होने के नाते वह व्रत तो नहीं रख सकते लेकिन एक दिन के व्रत से कहीं अधिक फलदाई उनकी यह सेवा और प्यार है। आपको बता दें कि अपनी पत्नी के जीवन के कठिन दौर में वह उसका बखूबी साथ निभाकर एक उदाहरण बन रहे हैं। प्रमोद करवा चौथ व्रत के सही मायने को सार्थक कर रहे हैं।