भाई ने देश पर कुर्बान कर दी जान, अब उनकी मूर्ति को राखी बांधती हैं बहनें, सामने आईं भावुक कर देने वाली तस्वीरें

रक्षाबंधन का त्यौहार हिंदुओं का सबसे बड़े त्योहारों में से एक हैं। हिंदू धर्म में रक्षाबंधन के त्यौहार का बहुत महत्व है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसके सुखी जीवन की प्रार्थना करती है और भाई ताउम्र उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं। 11 अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार भारत समेत अन्य देशों में बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

वहीं कुछ बहने ऐसी भी हैं जो अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध सकती। जी हां, हम यहां पर उन भाइयों के बारे में बात कर रहे हैं, जो देश की सुरक्षा में कुर्बान हो गए। रक्षाबंधन के त्यौहार पर हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है लेकिन कुछ बहने ऐसी भी हैं जिनके भाइयों ने अपनी जान देश पर कुर्बान कर दी। ऐसे जवानों की बहनों के लिए राखी का दिन कितना भावुक होता होगा, इसका कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता।

सोशल मीडिया पर रक्षा बंधन की कई भावुक कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। इनमें से कुछ तस्वीरें शहीदों की बहनों की भी थी। कई शहीदों की बहनों ने अपने भाइयों की मूर्ति को राखी बांधकर उन्हें गले लगाकर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। हर साल राखी बांधते समय बहनों की आंखें नम हो जाती हैं, लेकिन उन्हें शहादत पर गर्व है।

शहीद गणपत राम कड़वासरा

राजस्थान में भाई की कलाई पर राखी बांधती एक बहन की तस्वीर वायरल हो गई। दरअसल, बहन ने देश के लिए शहीद होने वाले अपने भाई को राखी बांधी थी। यह तस्वीर Linkedin पर वेदांत बिड़ला नाम के यूजर ने शेयर की। राजस्थान के खुदियाला गांव के अमर शहीद गणपत राम कड़वासरा, जो एक बहादुर थे, 24-09-2017 को जम्मू कश्मीर के दुश्मनों से लड़ते हुए देश के लिए शहीद हो गए। उनकी बहन रक्षाबंधन पर उनकी मूर्ति को राखी बांधकर यह पर्व मनाती हैं।

शहीद धर्मवीर सिंह शेखावत

आपको बता दें कि शहीद धर्मवीर सिंह शेखावत की मूर्ति राजस्थान के फतेहपुर में है। उनकी बहन का नाम उषा है, जो पिछले 17 सालों से भाई के पुतले को राखी बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मना रही हैं। आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक। रक्षा बंधन के त्यौहार के अवसर पर भाई को राखी बांधने के लिए उषा 800 किलोमीटर दूर अहमदाबाद से आती हैं। बता दें कि धर्मवीर सिंह शेखावत कश्मीर के लाल चौक में तैनात थे, जहां साल 2005 में हुए आतंकी हमले में वह शहीद हो गए थे।

शहीद हनुमान सिंह

राजस्थान के पाली जिले के भंवरिया गांव में भी शहीद हनुमान सिंह की प्रतिमा को उनकी बहन कमला देवी ने राखी बांधी। इस दौरान कमला देवी शहीद की प्रतिमा से लिपटकर रोने लगीं। हनुमान सिंह 32वीं राष्ट्रीय राजपुताना बटालियन में तैनात थे। 13 फरवरी 1999 को मणिपुर में उग्रवादियों से मुठभेड़ के दौरान वह शहीद हो गए थे।

शहीद गोकुल चंद यादव

राजस्थान के सीकर जिले के सालावली गांव के शहीद गोकुल चंद यादव की बहने सुनीता और कविता हर साल राखी के मौके पर प्रतिमा को राखी बांधती हैं। गांव के पंचायत भवन में शहीद गोकुल चंद यादव की प्रतिमा बनाई गई है। आपको बता दें कि गोकुल चंद यादव 13 अप्रैल 2016 को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।