आखिर लोहड़ी पर क्यों जलाते हैं आग? जानिए पूजा सामग्री और पूजन विधि

लोहड़ी का त्यौहार हर वर्ष 13 जनवरी को मनाई जाती है। हालांकि मुहूर्त और शुभ समय की वजह से कई बार यह कुछ स्थानों पर 13 जनवरी को तो कुछ स्थानों पर 14 जनवरी को भी बनाई जाती है। आपको बता दें कि प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति से एक दिन पहले की रात को लोहड़ी का पर्व बड़ी ही खुशी के साथ लोग मनाते हैं। इस पर्व को सर्दियों की समाप्ति का प्रतीक माना गया है। साल 2021 में लोहड़ी का त्यौहार 13 जनवरी बुधवार के दिन मनाई जाएगी। लोहड़ी के त्यौहार पर खुशी और उल्लास नजर आता है। सभी लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं।

जैसा कि आप लोग जानते हैं लोहड़ी के त्यौहार को मनाने के लिए आग जलाई जाती है। यह त्यौहार विशेष रूप से पंजाबियों का त्यौहार होता है। पंजाबी लोग आग के चारों तरफ नाच-गाना करते हुए गीत गाते हैं और आग के चारों तरफ फेरे लगाते हैं परंतु क्या आप लोग जानते हैं कि आखिर लोहड़ी के त्यौहार पर आग क्यों जलाई जाती है? आखिर इसके पीछे क्या वजह होती है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से लोहड़ी पर आग जलाने के पीछे की एक पौराणिक कथा और लोहड़ी पूजा विधि के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

लोहड़ी पर क्यों जलाई जाती है आग? जानिए पौराणिक कथा

भारत में लोहड़ी का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लोग इस त्यौहार पर आग जलाते हैं और आग की चारों तरफ घूमते हुए नाच गाना करते हैं परंतु कभी आप लोगों ने यह सोचा है कि आखिर लोहड़ी पर आग क्यों जलाया जाता है? इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रसिद्ध है। मान्यताओं के अनुसार एक बार राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया था और अपनी पुत्री सती और दामाद शिव को आमंत्रित नहीं किया था जिसकी वजह से राजा दक्ष की बेटी बहुत गुस्सा हो गई थीं। गुस्से में माता सती अपने पिता के घर पहुंची तो उन्होंने अपने पिता से यज्ञ में ना बुलाने की वजह पूछी तो राजा दक्ष ने उनके पति की निंदा की थी।

माता सती अपने पति भगवान शिव की निंदा सुनकर अत्यधिक क्रोधित हो गई थीं और उन्होंने खुद को यज्ञ की अग्नि में भस्म करने की कोशिश की थी। जैसे ही सती के बारे में भगवान शिव जी को जानकारी मिली तो वह तुरंत वहां पर पहुंच गए और दक्ष के यज्ञ को विध्वंस कर दिया था। ऐसा बताया जाता है कि इस तरह और बेटियों के साथ ना हो इसी को ध्यान में रखते हुए लोहड़ी जलाते हैं और लोहड़ी के त्यौहार पर बेटी और दामाद को आमंत्रित करते हैं।

लोहड़ी त्यौहार की पूजन विधि

  • देश के कई स्थानों पर लोहड़ी का पर्व लोग बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। लोहड़ी के त्यौहार पर विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण, आदिशक्ति और अग्नि देव की पूजा की जाती है।
  • अगर आप लोहड़ी के दिन पूजा कर रहे हैं तो आप इस पर्व पर घर में पश्चिम दिशा में आदिशक्ति की प्रतिमा या फिर चित्र स्थापित कीजिए और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • इसके बाद आपको प्रतिमा पर सिंदूर और बेलपत्र अर्पित करना होगा।
  • तिल के लड्डू आप भोग के रूप में अर्पित कीजिए।
  • इसके पश्चात सूखा नारियल लेकर उसमें कपूर डाल दें।
  • आप अग्नि जलाकर उसमें तिल का लड्डू मक्का और मूंगफली डालें।
  • इसके बाद आपको 7 या 11 बार अग्नि की परिक्रमा करनी होगी।